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विरार-वसई मनपा के नगरसेवक गावडे को अग्रिम जमानत देने से हाईकोर्ट का इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी का इस्तेमाल कथित रुप से बिल्डर से पैसा वसूली के लिए करने के आरोप का सामना कर रहे वसई-विरार महानगरपालिका के नगरसेवक धनंजय गावडे को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। न्यायमूर्ति संदीप शिंदे ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा कि इस मामले में आरोपी की संलिप्तता नजर आ रही है। आरोपी पर गंभीर आरोप हैं इसलिए आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है
गवाडे के खिलाफ 31 मार्च 2018 और 12 अप्रैल 2018 के बीच पालघर व ठाणे जिले में स्थित कई पुलिस स्टेशन में मामले दर्ज किए गए हैं। मामले में गिरफ्तारी की आशंका के मद्देनजर गावाडे ने कोर्ट में जमानत आवेदन दायर किया था। जमानत आवेदन में आरोपी गावडे ने दावा किया था कि वह एक सामाजिक कर्याकर्ता है। जिसने मनपा अधिकारियों व बिल्डर लॉबी के बीच के गठजोड का भंडाफोड किया है। उसने व उसके साथियों ने अवैध निर्माण को गिराने के लिए भी जनहित याचिका दायर कर कानूनी कदम भी उठाए हैं। लेकिन पुलिस,मनपा व बिल्डर सभी लोगों ने इक्ट्ठा होकर उसके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज कराई है।
न्यायमूर्ति शिंदे ने आरोपी के इस दावे को अस्वीकार कर दिया और कहा कि रिपोर्ट में आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत नजर आ रहे हैं। जो यह दर्शाते हैं कि आरोपी ने सूचना के अधिकार से मिली जानकारी का इस्तेमाल कथित रुप से नियमों की अनदेखी करनेवाले बिल्डरों से पैसे वसूली के लिए किया है। दूसरे शब्दों में कहे तो आरोपी ने आरटीआई कानून का दुरुपयोग कर उसका इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए किया है। यह बात कहते हुए न्यायमूर्ति ने आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।
Created On :   8 Jan 2021 7:06 PM IST