तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले पर नरमी दिखाने से हाईकोर्ट ने किया इंकार 

High court refuses to show leniency on rape of three-year-old girl
तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले पर नरमी दिखाने से हाईकोर्ट ने किया इंकार 
तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले पर नरमी दिखाने से हाईकोर्ट ने किया इंकार 

डिजिटल डेस्क,नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए गए 27 वर्षीय आरोपी को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। नाशिक की निचली अदालत ने आरोपी द्वारा साल 2014 में किए गए दुष्कर्म के कृत्य को बर्बरतापूर्ण मानते हुए यह सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ आरोपी सुदम शेल्के ने हाईकोर्ट में अपील की थी। किन्तु हाईकोर्ट ने आरोपी के प्रति कोई नरमी दिखाने से इंकार करते हुए उसकी अपील को खारिज कर दिया। 

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने आरोपी की अपील पर सुनवाई हुई। अपील में आरोपी ने दावा किया कि निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान नाबालिग से जिरह का मौका नहीं दिया गया है। इसके अलावा दुष्कर्म के दौरान उसके शरीर व गुप्तांग में कोई चोट नहीं लगी है। इस तरह से आरोपी ने खुद पर लगे दुष्कर्म के आरोपों का खंडन किया। अपील पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि बच्चों को लेकर मेडिकल क्षेत्र में हुए अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि कम उम्र में बच्चे यह जान ही नहीं पाते है कि उनके साथ क्या घटित हो रहा है। इसलिए वे उसका विरोध नहीं कर पाते हैं।

इस मामले में तो बच्ची की उम्र महज तीन साल है। मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। खंडपीठ ने कहा कि इस प्रकरण में आरोपी बच्ची का परिचित था। अभियोजन पक्ष ने आरोपी पर लगे आरोपों को संदेह के परे जाकर साबित किया है। इस मामले में हम आरोपी के प्रति कोई नरमी नहीं दिखा सकते। हमे निचली अदालत के आदेश में कोई खामी नजर नहीं आती है। इसलिए आरोपी की अपील को खारिज किया जाता है। 
 

Created On :   24 Oct 2020 5:44 PM IST

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