शिवसेना कवर करने वाले सभी पत्रकारों को गवाही के लिए नहीं बुला सकते: हाईकोर्ट

High Court says we can not run Bal Thackerays case for endless time
शिवसेना कवर करने वाले सभी पत्रकारों को गवाही के लिए नहीं बुला सकते: हाईकोर्ट
शिवसेना कवर करने वाले सभी पत्रकारों को गवाही के लिए नहीं बुला सकते: हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि हम दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के मुकदमे को अंतहीन समय तक नहीं चला सकते और शिवसेना को लेकर खबर लिखने वाले हर पत्रकार को अदालत में गवाही के लिए नहीं बुला सकते। हमारा प्रयास रहेगा कि गर्मी में कोर्ट के बंद होने से पहले मामले के सभी गवाहों की गवाही का काम पूरा हो जाए। इसके बाद जल्द से जल्द मामले का निपटारा करने का प्रयास होगा।

ठाकरे के बेटे जयदेव ने अपनी वसीयत पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में दावा दायर किया है। इस पर जस्टिस गौतम पटेल सुनवाई कर रहे हैं। मंगलवार को सुनवाई के दौरान अदालत में गवाह के रुप में वरिष्ठ पत्रकार सौम्य भट्टाचार्य, राजेंद्र अकलेकर व फोटोग्राफर सतीश भाटे जस्टिस के सामने हाजिर हुए। सबसे पहले पत्रकार अकलेकर ने जयदेव के वकील दुष्यंत पुरेकर के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि मैंने शिवसेना प्रवक्ता से फोन पर जानकारी लेकर अस्पताल में बाल ठाकरे से मिलने आए लोगों के बारे में खबर छापी है, जबकि फोटोग्राफर ने कहा कि मैंने सिर्फ जयदेव ठाकरे को लीलावती अस्पताल में आते व जाते देखा था। वे अपने पिता से मिले थे कि नहीं इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। 

एक अंग्रेजी अखबार के संपादक भट्टाचार्य ने कहा कि संपादकीय टीम खबरों की पड़ताल करती है। कई बार कुछ खबरों के तथ्यों को मैं खुद सत्यापित करता हूं, लेकिन मैं ऐसा हर खबर को लेकर नहीं करता। इन तीनों की गवाही के बाद जयदेव के वकील ने कहा कि वे और पत्रकारों को कोर्ट में बुलाना चाहते हैं। इस पर बेंच ने कहा कि आप चाहते हैं कि यह मामला चलता रहे। क्या इस मामले को 25 साल तक घसीटना है? मैं सिर्फ इस एक मुद्दे पर विचार करके मामले का निपटारा नहीं करुंगा। इस पूरे प्रकरण की समग्रता पर गौर करने के बाद फैसला दिया जाएगा। अदालत ने पूछा कि पत्रकारों के जरिए क्या यह साबित करने का प्रयास हो रहा है कि जयदेव के अपने पिता के साथ कैसे संबंध थे?

पिता-पुत्र के संबंधो को कैसे करेंगे प्रमाणित
हाई कोर्ट ने कहा, पत्रकार कैसे पिता-पुत्र के संबंधो को प्रमाणित करेगा। हम शिवसेना को लेकर खबर लिखने वाले हर पत्रकार को अदालत में नहीं बुला सकते। दिसंबर 2014 में इस मामले की शुरुआत हुई थी अब 2018 चल रहा है। इसलिए मैं गर्मियों की छुट्टी शुरु होने से पहले मामले के सभी गवाहों की प्रक्रिया को पूरा करना चाहता हूं। इसलिए पहले हमे बताया जाए कि किस पत्रकार को किस संबंध में बुलाया जाना है इसके बाद ही हम पत्रकार को समन जारी करेंगे। जस्टिस ने फिलहाल मामले की सुनवाई 12 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है।

संपादक व पत्रकार को खर्च दने का निर्देश 
इस बीच जस्टिस ने ठाकरे के बेटे जयदेव को कोर्ट में गवाही देने आए पत्रकार अकलेकर व फोटोग्राफर भाटे को साढे सात हजार रुपए खर्च के रुप में देने जबकि दिल्ली से आए संपादक भट्टाचार्य को विमान के किराए का भुगतान करने का निर्देश दिया।

Created On :   27 Feb 2018 11:18 PM IST

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