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हाईकोर्ट ने मांगी उपभोक्ता अदालतों की वास्तविक स्थिति की जानकारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग के कामकाज कीवास्तविक स्थिति को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इससे पहले राज्य सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर स्पष्ट किया था कि राज्य के 44 इलाको में स्थित उपभोक्ता अदालतों व फोरम में कोरोना संकट के चलते कुछ जगहों पर ऑनलाइन सुनवाई हो रहे है तो कहीं प्रत्यक्ष रुप से मामले सुने जा रहे हैं। इसके अलावा उपभोक्ता अदालत में ऑनलाइन फाइलिंग की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही उपभोक्ता आयोग व फोरम में रिक्त पदों को भरने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
उपभोक्ता अदालतों में रिक्त पदों को भरने व उसे जरूरी सुविधाए व संसाधन उपलब्ध कराए जाने की मांग को लेकर कंज्यूमर कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि पिछले साल से उपभोक्ता अदालतों में सुनवाई प्रभावी ढंग से नहीं हो रही है। जिससे पक्षकरो व वकीलों को परेशानी हो रही हैं।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता डॉ उदय वारुनजेकर ने कहा कि 44 में से आधी जगहों में प्रत्यक्ष सुनवाई नहीं हो रही है। जहां हो भी रही वह सिर्फ नाममात्र की है। उपभोक्ता आयोग में भी केवल जरूरी मामले सुने जा रहे हैं। इस पर खंडपीठ ने अतिरिक्त सरकारी वकील गीता शास्त्री को उपभोक्ता आयोग में सुनवाई की वास्तविक स्थिति को लेकर जानकारी पेश करने को कहा। खंडपीठ ने अब याचिका पर अगली सुनवाई 9 जून 2021 को रखी है।
Created On :   8 May 2021 12:41 PM GMT