विदेश में उच्च शिक्षा लेना हुआ मुश्किल, विद्यार्थी आर्थिक संकट में

Higher education abroad is difficult, student in financial crisis
विदेश में उच्च शिक्षा लेना हुआ मुश्किल, विद्यार्थी आर्थिक संकट में
विदेश में उच्च शिक्षा लेना हुआ मुश्किल, विद्यार्थी आर्थिक संकट में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पिछड़ावर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) दी जाती है। इसमें शिक्षा शुल्क के अलावा छात्रावास, भोजन, बीमा व अन्य शुल्क शामिल हैं, लेकिन जो शुल्क दिया जाता है वह विश्व के कुछ टॉप-100 विश्वविद्यालयों की तुलना में नाकाफी है। जैसे न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी (एनवाईयू) की अनुसूचि व नियमानुसार विद्यार्थियों को वीजा, आई-20 लेटर, न्यूनतम 25 हजार अमेरिकी डॉलर की व्यवस्था दिखाना जरूरी है।

बैंक से लोन लेने की सुविधा भी नहीं
सरकार द्वारा जो शुल्क दिया जा रहा है, वह विदेशी विश्वविद्यालयों में आने वाले खर्च की तुलना में काफी कम है। करीब 8 से 10 हजार का बड़ा फर्क हो रहा है। न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में प्रवेश करने के लिए इस साल कुछ विद्यार्थियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसमें से कुछ विद्यार्थियों की आर्थिक परिस्थिति काफी गंभीर है। उन्हें बैंक से कर्ज लेने की सुविधा तक नहीं है। 

शैक्षणिक वर्ष पर संकट के बादल
विद्यार्थियों के शैक्षणिक वर्ष पर संकट गहराता जा रहा है। द प्लेटफार्म संगठन ने इस बाबत समाज कल्याण मंत्री, प्रधान सचिव, आयुक्त को प्रादेशिक उपायुक्त नागपुर के जरिये निवेदन भेजकर समस्याओं पर ध्यान देकर हल निकालने का अनुरोध किया है। चर्चा के दौरान प्रादेशिक उपायुक्त को स्थिति से अवगत कराया गया। इस अवसर पर द प्लेटफार्म के राजीव खोब्रागड़े, आशीष फुलझेले, अमोल मेश्राम, अक्षय पाटील, मोनीश बावनगड़े, कुणाल टेंभूरकर, रोहित सांगोले, स्नेहर ढेंगरे आदि उपस्थित थे। 
 

Created On :   7 Dec 2020 2:24 PM IST

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