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हिमाचल प्रदेश की एमआई टीम ने मेजर पंकज को लिया हिरासत में
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। हिमाचल प्रदेश की एमआई टीम ने एएससी (आर्मी सप्लायर कोर) के सिपाही पंकज येरगुडे को हिरासत में लिया है। उसे एमआई टीम के गुप्त अभियान की जानकारी लीक करने के आरोप में हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पंकज येरगुडे आर्मी सप्लायर कोर में सेना के रसद की देखरेख का काम करता है। इधर गणेशपेठ पुलिस ने भी इस मामले में सिपाही पंकज के खिलाफ धारा 419 और 505 के तहत अपराध दर्ज किया है।
बता दें कि पिछले दिनों नागपुर शहर के भालदारपुरा क्षेत्र से दो आतंकियों के पकड़ने जाने की खबर से शहर में खलबली मच गई थी। बाद में पुलिस विभाग के आला अफसरों ने इस बात का खंडन करते हुए बताया कि, ऐसी कोई कार्रवाई मुंबई एमआई ने नहीं की थी। उसके बाद गणेशपेठ पुलिस ने उस नंबर का सीडीआर निकाला, जिस नंबर से गणेशपेठ थाने में कॉल किया गया था। वह मोबाइल नंबर मेजर पंकज येरगुडे के नाम पर कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश का निकला। उसके बाद उसका रजिस्ट्रर्ड नंबर भद्रावती का मिला। पुलिस ने इस मामले में पंकज के घर तक पहुंची। उधर हिमाचल प्रदेश की एमआई टीम ने पंकज को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू करने की जानकारी मिली है। हालांकि पूछताछ के दौरान मेजर पंकज ने कहा कि उसने अपने फोन से किसी को कोई फोन नहीं किया है।
गणेशपेठ पुलिस थाने में एक फोन आया कि मुंबई एमआई नागपुर में गुप्त अभियान पर आने वाली है। इस बारे में गणेशपेठ थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुनील गांगुर्डे ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। उसके बाद नागपुर शहर में सभी गुप्तचर एजेंसियां और पुलिस महकमे का संबंधित विभाग अलर्ट हो गया। एमआई की कार्रवाई को लेकर पुलिस ने शहर में खोजबीन में जुट गई। मेजर पंकज बनकर फोन करने वाले व्यक्ति ने दोबारा जब फोन किया तब उसने बताया िक एमआई ने अभियान को सफल कर लिया है। वह भालदारपुरा से दो युवकों को हिरासत में लेकर नागपुर से रवाना हुई है। उसके बाद यह खबर मीडिया में उजागर होने के बाद भालदारपुरा क्षेत्र में चर्चा शुरू हो गई। हर कोई बस यह जानने को बेताब हो रहा था कि एमआई (मिलेटरी इंटेलिजेंस) टीम किन दो युवकों को लेकर गई। परिसर में नागरिकों में इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई थी कि उनकी बस्ती को बेवजह बदनाम िकया जा रहा है। इस गंभीर मामले को लेकर नागपुर की एटीएस भी सतर्क हो गई। पुलिस पहले से सतर्क हो चुकी थी। इस मामले को लेकर पुलिस आयुक्तालय ने अफवाह बताया। उसके बाद नागपुर में मामला शांत हुआ।
Created On :   14 Nov 2018 12:42 PM IST