- Home
- /
- विश्व पर्यावरण दिवस : नागपुर में...
विश्व पर्यावरण दिवस : नागपुर में हिंगना MIDC सबसे प्रदूषित

- यहां पर SPM (सस्पेंडेड पर्टीकुलेट मैटर) मानक से अधिक है।
- इस तरह की प्रदूषित हवा से फेफड़ों
- हृदय रोग
- बच्चों और वृद्ध वयस्कों के साथ लोगों को परेशानी हो सकती है।
- उत्तर अंबाझरी के इंजीनियरिंग संस्थान के आसपास की हवा भी प्रदूषित है।
- नागपुर के हिंगना रोड पर स्थित एमआईडीसी इलाके में सबसे ज्यादा अधिक वायु प्रदूषण होता है।
अमित कुमार, मुंबई। नागपुर के हिंगना रोड पर स्थित एमआईडीसी इलाके में सबसे ज्यादा अधिक वायु प्रदूषण होता है। उत्तर अंबाझरी के इंजीनियरिंग संस्थान के आसपास की हवा भी प्रदूषित है। यहां पर SPM (सस्पेंडेड पर्टीकुलेट मैटर) मानक से अधिक है। इस तरह की प्रदूषित हवा से फेफड़ों, हृदय रोग, बच्चों और वृद्ध वयस्कों के साथ लोगों को परेशानी हो सकती है। जबकि विभागीय आयुक्त कार्यालय और सिविल लाइन स्थित आरओ कार्यालय परिसर की हवा की स्थिति संतोषजनक है। यहां पर सल्फर डाई आक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड की मर्यादा मानक से कम पाई गई है।
सोमवार को प्रदेश सरकार के पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में यह जानकारी दी। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की रिपोर्ट के अनुसार नागपुर के एमआईडीसी परिसर में अप्रैल महीने में RSPM (रेस्पायरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) का औसत 113.86 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर आंका गया। 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर RSPM वाली हवा स्वच्छ मानी जाती है। जबकि इस दौरान SPM का औसत 136.14 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।
उत्तर अंबाझरी के इंजीनियरिंग संस्थान के क्षेत्र में अप्रैल में RSPM का औसत 99.50 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया था। जबकि इसी महीने में SPM का औसत 121.10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। विभागीय आयुक्त कार्यालय और सिविल लाइन स्थित आरओ कार्यालय में सल्फर डाई आक्साइड का औसत 11 और नाइट्रोजन ऑक्साइड का औसत 38 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पाई गई है।
चंद्रपुर की स्थिति गंभीर
चंद्रपुर के घुग्गुस ग्राम पंचायत कार्यालय के आवासीय इलाके में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर है। अप्रैल महीने में इस क्षेत्र में SPM 438.50 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। चंद्रपुर नगर परिषद इलाके में SPM 198.11 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पाया गया है।
औरंगाबाद में SPM ज्यादा
औरंगाबाद के गारखेड़ा परिसर में SPM 139, एसबीईसी कॉलेज में 140.12 और जिलाधिकारी परिसर में 137 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पाया गया है लेकिन जिले में RSPM, सल्फर डाई आक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड की मर्यादा मानक से कम है। इसलिए यहां पर स्थिति सामान्य पाई गई है।
सिर्फ 7 फीसदी वाहनों में एलपीजी
शहर में उद्योग, कारखाना और जीवाश्म ईंधन द्वारा छोड़े जाने वाले विभिन्न वायु और विषैले द्रव्य के कारण वायू प्रदूषण होता है। राज्य सरकार की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार वायू प्रदूषण को कम करने की दृष्टि से 80.85 लाख वाहनों में से केवल 1.30 लाख (1.6 प्रतिशत) वाहनों में एलपीजी और 5.83 लाख (7.2 प्रतिशत) वाहनों में सीएनजी लगाए गए हैं।
Created On :   4 Jun 2018 7:34 PM IST