लड़की का हाथ पकड़ना यौन उत्पीड़न नहीं : HC

Holding girls hand is not sexual harassment: High court
लड़की का हाथ पकड़ना यौन उत्पीड़न नहीं : HC
लड़की का हाथ पकड़ना यौन उत्पीड़न नहीं : HC

डिजिटल डेस्क,मुंबई । महज स्पर्श अथवा लड़की का हाथ पकड़ना बाल यौन संरक्षण कानून (पाक्सो) कानून के तहत यौन उत्पीड़न के दायरे में नहीं आता है। बांबे हाईकोर्ट ने 27 वर्षीय एक युवक को अग्रिम जमानत प्रदान करते हुए यह बात स्पष्ट की है। आरोपी पर अपने प्रेम का इजहार करते समय 17 वर्षीय लड़की का हाथ पकड़ने का आरोप है। न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रंजीत पवार ने कहा कि मेरे मुवक्कल ने लड़की के सामने सिर्फ अपने प्रेम को व्यक्त किया था। जो सिर्फ विशुद्ध रुप से भावनाओं का प्रदर्शन था। प्रेम के इजहार के समय मेरे मुवक्किल का कोई कामुक इरादा नहीं था।

गौरतलब  है कि आरोपी को निचली अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया था। इसिलए आरोपी ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। शिकायत के मुताबिक पीड़ित लड़की आरोपी के पडोस में रहती है। एक दिन वह अपने ट्यूशन जा रही थी। तभी आरोपी ने उसे रास्ते में रोका और अपने प्रेम का इजहार किया। इस परस जब लड़की ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो आरोपी ने दोबारा लड़की का दाहिना हाथ पकड़कर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। इस पर लड़की वहां से भाग गई। इसके बाद आरोपी ने लड़कीको धमकाया कि वह इस घटना के बारे मे किसीको जानकारी न दे। आरोपी ने फोन पर धमक भरे संदेश भी भेजे। लेकिन कुछ समय बाद लड़कीने पुलिस में मामला दर्ज करा दिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिताव पाक्सों कानून की विभिन्न धारों के तहतमामला दर्ज किया।

न्यायमूर्ति के सामने सरकारी वकील नेआरोपी की जमानत का विरोध किया। सरकारीवकील ने कहा कि आरोपी ने जिस सिमकार्ड सेधमकी भरे संदेश भेजे थे और वह उसे कहा सेमिला इसका पता लगाने के लिए आरोपी कोहिरासत में लेकर पूछताछ करना जरुरी है।मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बादन्यायमूर्ति ने कहा कि प्रथम दृष्टया एफआईआरपर गौर करने पर प्रतीत होता है कि आरोपी नेलड़की का हाथ पकड़कर अपनी भावनाओं काइजहार किया था। यह कृत्य पाक्सो कानून कीधारा 7 के तहत यौन उत्पीड़न के दायरे में नहीआता है।चूंकि आरोपी ने किसी भी तरह सेलड़की पर दबाव नहीं बनाया था। उसका इरादाभी अनुचित नहीं था। इसलिए वह जमानत पानेका हकदारहै। इस तरह से न्यायमूर्ति ने आरोपीको जमानत प्रदान कर दी। लेकिन आरोपी कोकहा है कि वह मामले में आरोपपत्र के दायराहोने तक लड़की जिस इलाके में रहती है वहां नजाए। इसके साथ ही वह मामले से जुड़े सबूतों केसाथ भी छेड़छाड न करे।

Created On :   28 Dec 2020 8:30 PM IST

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