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घर में बनाया स्टूडियो , गीत-संगीत के प्रति युवाओं में रुझान , डेली गानों का रियाज
डिजिटल डेस्क,नागपुर। आज के युवा परिंदे की तरह खुले आसमान में स्वच्छंद उड़ान भरना चाहते हैं। अपनी च्वाइस के अनुसार अपना कैरियर भी बनाना चाहते हैं। युवा जहां इंजीनियरिंग, मेडिकल, एमबीए क्षेत्र में जाना चाहते हैं, वहीं कुछ युवा गीत-संगीत क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं। वे बड़े प्लेटफार्म पर जाने से पहले खुद को परफेक्ट कर लेना चाहते हैं।
ऐसे ही कुछ युवा सिंगर बनने के लिए घर को ही स्टूडियो का रूप दे रहे हैं। तरह-तरह के स्ट्रूमेंट्स की व्यवस्था कर प्रतिदिन रियाज कर रहे हैं और खुद को परफेक्ट कर रहे हैं। युवा सिंगर्स बाजार से आधुनिक वाद्य यंत्र, उपकरण आदि को यूज कर रहे हैं। इनसे घर पर गानों को रिकार्ड भी करते हैं। घरेल में ही स्टूडियो होने से उन्हें ज्यादा दिक्कत भी नहीं आती है। अगर कोई परेशानी हो, तो मोबाइल एप का सहारा लेते हैं। इससे गायकी की प्रैक्टिस आसान हो जाती है। कुछ युवा ग्रुप बना कर भी प्रैक्टिस करते हैं, जिससे उनकी गायकी में निखार आता है।
संगीत का बचपन से शौक
मुझे बचपन से ही गायकी का शौक है। मेरे माता-पिता भी सिंगर हैं। मैं कई स्टेज शो भी कर चुकी हंू। आजकल युवा, रियालिटी शो मे जाना पसंद करते हैं, लेकिन उनके पास इतना समय नहीं होता है कि वे स्टूडियो में जाकर प्रैक्टिस करें। मोबाइल पर भी सिंगिंग के बढ़िया एप हैं, जिसकी मदद से घर पर ही स्टूडियो का अनुभव मिलता है। गायकी के लिए वॉइस क्वालिटी के साथ सुर और ताल का ख्याल रखना आवश्यक है। मेरा भाई वैभव भी गायक है। हम दोनों जुड़वा हैं। हमारे घर पर गिटार, सितार और अन्य अाधुनिक उपकरण मौजूद हैं, जिससे हम घर पर ही प्रैक्टिस करते हैं।
धनश्री बुरबुरे, कोराडी
प्रैक्टिस के लिए कराओके माइक
मुझे गाना पसंद है। क्लास में हारमोनियम और तबले पर कोई भी गीत गाती हंू। घर में अभ्यास के लिए कराओके माइक का प्रयोग करती हंू। कुछ गाने घर पर रिकॉर्ड किए हैं। बेसिक मजबूत होने के बाद ही स्टूडियो में गाएं, तो अच्छा है। बेसिक के लिए मोबाइल सिंगिंग एप भी फायदेमंद है। सुरों के साथ माइक और जनता का सामना करना आना भी जरूरी है। कराओके के साथ गाना और धुन के साथ चलना बड़ी चुनौती होती है। शिल्पा दिवे, स्नेह नगर
ऑर्केस्ट्रा में गाना शुरू किया
आजकल युवाओं का रुझान रियालिटी शो में जाने का है, लेकिन मुझे लगता है कि किसी भी बड़े प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए बेसिक नॉलेज होना जरूरी होता है। मैंने शास्त्रीय संगीत सीखा है। पढ़ाई के कारण बीच में ही क्लास छूट गई। मुझे लगा कि मुझे गाना चाहिए, इसलिए मैंने अपने दोस्त के ऑर्केस्ट्रा में गाना शुरू किया। मोबाइल एप और घर पर ही आधुनिक उपकरण लगाए, जिनकी मदद से अपनी गायकी में सुधार कर रहा हंू। मेरे रूम में सारे इंस्ट्रूमेंट्स हैं, जिससे डेली प्रैक्टिस करता हूं। अश्विन देसाई, फ्रेन्ड्स कॉलोनी
Created On :   4 Nov 2019 10:50 AM GMT