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होम्योपैथी पीजी स्टूडेंट्स को एक साल से नहीं मिला स्टायपेण्ड

डिजिटल डेस्क,भोपाल। शहर में संचालित होम्योपैथी के सरकारी पीजी कॉलेज के विद्यार्थियों को एक साल गुजरने के बाद भी अब तक 22 हजार 500 रुपए प्रति माह का स्टायपेण्ड यानि शिष्यवृत्ति नहीं मिली है। आयुष विभाग ने लगातार आंदोलन किए जाने पर अब सिर्फ स्टायपेण्ड देने के नए नियम बनाकर उन्हें झुनझुना प्रदान किया गया है,लेकिन इसका भुगतान कब से प्रारंभ होगा यह स्पष्ट नहीं किया है।
गौरतलब है कि आयुर्वेद के सरकारी पीजी कॉलेज में पहले से ही स्टायपेण्ड दिया जा रहा है जबकि यूनानी विधा में अब तक कोई सरकारी पीजी कॉलेज नहीं खुला है। एक साल पहले ही होम्योपैथी का भोपाल में सरकारी पीजी कॉलेज खुला है। इसमें पहले बैच के 55 विद्यार्थी हैं तथा अब दूसरे बेच के भी पुन: 55 विद्यार्थी आ गए हैं तथा उन्हें भी दो माह होने को आए हैं, कोई स्टायपेण्ड नहीं मिल रहा है। इस प्रकार कुल 110 विद्यार्थी स्टायपेण्ड से वंचित हैं। इस हेतु विद्यार्थियों ने कई बार आंदोलन किया है, लेकिन उन्हें सिर्फ यही कहा जाता रहा कि वित्त विभाग में फाईल चल रही है। उल्लेखनीय है कि होम्येपैथी के पीजी विद्यार्थियों में से 60 प्रतिशत ऐसे होते हैं जो आर्थिक तंगी के कारण बमुश्किल कॉलेज की फीस भर पाते हैं और भोपाल में ठहरने एवं भोजन का प्रबंध कर पाते हैं।
उल्लेखनीय है कि एलोपैथी के पीजी कॉलेजों में सालों से स्टायपेण्ड दिया जा रहा है तथा वह भी काफी बढ़ी हुई राशि में। आयुष विभाग के पीजी कॉलेजों में 22 हजार 500 रुपए प्रति माह की शिष्यवृत्ति की सीमा बांध कर रखी गई है। इधर, आयुष विभाग ने आयुर्वेद के पीजी कॉलेजों के विद्यार्थियों को स्टायपेण्ड देने के जो नियम बना रखे हैं उसके तहत होम्योपैथी के पीजी कॉलेज के विद्यार्थियों को स्टायपेण्ड देने के बजाए अब नये सिरे से समेकित नियम बनाए हैं।
नए नियमों में कहा गया है कि तीनों विधाओं के पीजी कॉलेजों में स्टायपेण्ड तीन साल तक ही जाएगा। इन विद्यार्थियों को प्राचार्य के निर्देशों का पालन करते हुए अनुशासन में रहना होगा तथा यदि वे धरना, हड़ताल या आंदोलन आदि में संलिप्त पाए जाते हैं तो प्राचार्य उनकी शिष्यवृत्ति रोक सकेगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि पीजी कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों से वहां से जुड़े अस्पताल में चिकित्सक के रुप में काम भी लिया जाता है।
एसएन त्रिपाठी अधीक्षक होम्योपैथी पीजी कॉलेज का कहना है कि आयुर्वेद के सरकारी पीजी कॉलेज में तो स्टायपेण्ड मिल रहा है, लेकिन अब तक होम्योपैथी के सरकारी पीजी कॉलेज के 110 विद्यार्थियों को एक साल से स्टायपेण्ड नहीं मिला है।
Created On :   30 Dec 2017 11:39 AM IST