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अस्पताल ने 5.30 लाख का बिल घटाकर 2.50 लाख किया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना जैसी महामारी में कुछ निजी अस्पतालों ने मरीजों को लूट का जरिया बना लिया है। शहर में जहां कुछ लोगों ने नि:स्वार्थ भाव से मरीजों की सेवा को ही अपना कर्म बना लिया है, वहीं कुछ निजी अस्पताल मानवता को ताक पर रख कर मरीजों से मनमाने लाखों रुपए का अनाप-शनाप बिल वसूल रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में जब पूर्व महापौर संदीप जोशी ने हस्तक्षेप किया, तो एक अस्पताल ने मरीज का 5 लाख 30 हजार रुपए बिल घटा कर 2.50 लाख रुपए कर दिया। अस्पताल के बिल और सरकारी रेट में काफी अंतर था। जोशी ने ऐसे पीड़ितों से आगे आने का आह्वान किया है। संपर्क के लिए चार हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।
सरकारी रेट से ज्यादा थे बिल
पीड़ित कृतिका दिपानी चार दिन अस्पताल में भर्ती रही। अस्पताल ने 5 लाख 30 हजार रुपए बिल थमाया। जोशी के आह्वान पर कृतिका ने उनसे संपर्क किया और उन्हें अस्पताल के सभी दस्तावेज दिए, जिसमें दर्ज बिल सरकारी रेट से कहीं ज्यादा नजर आए। जब संबंधित अस्पताल से पूछताछ की गई, तो उसने टालमटोल जवाब दिया। अस्पताल प्रबंधन का जवाब सुनकर जोशी जब आक्रामक हुए, तो अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती मानकर बिल घटाकर 2.50 लाख करने के लिए तैयार हो गया।
शासन के निर्देशों की उड़ रहीं धज्जियां
निजी कोविड अस्पतालों में 80 प्रतिशत बेड के मरीजों से सरकारी रेट पर और 20 प्रतिशत बेड के मरीजों से अस्पताल के रेट पर बिल वसूलने का नियम हैं। निजी अस्पतालों में सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाकर मरीजों को लूटने का आरोप जोशी ने लगाया है। अस्पतालों में मनपा ने जो ऑडिटर नियुक्त किए हैं। उनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। दिनभर में प्राप्त शिकायतों की पड़ताल के लिए मनपा में अतिरिक्त आयुक्त जलज शर्मा के पास भेजी गई हैं। जोशी ने कहा कि अनेक अस्पताल मरीजों को बेहतर सुविधा दे रहे हैं, जो अस्पताल मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर लूट रहे हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
Created On :   30 April 2021 12:27 PM IST