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संजय दत्त को जेल से कैसे मिली जल्द रिहाई

हाईलाइट
- राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका
- आरटीआई से जानकारी न मिलने पर पेरारिलवन ने किया कोर्ट का रुख
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के मामले में दोषी पाए गए एक कैदी की याचिका पर सुनवाई के बाद महाराष्ट्र राज्य सूचना आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका में कैदी एजी पेरारिवलन ने 1993 बम धमाके के मामले में दोषी पाए गए फिल्म अभिनेता संजय दत्त की जेल से जल्द रिहाई के बारे में जानकारी देने का निर्देश देने का आग्रह किया है। न्यायमूर्ति के के तातेड व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद राज्य सूचना आयोग को नोटिस जारी किया और याचिका पर अगले माह सुनवाई करने की बात कही।
पिछले साल दायर याचिका में पेरारिवलन ने अभिनेता दत्त की रिहाई को लेकर पहले जेल विभाग के पास से सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी मांगी थी। लेकिन वहां से उसे जानकारी नहीं मिली। इसके बाद पेरारिवलन ने अपीलीय प्राधिकरण के पास आवेदन किया। वहां भी उसे निराशा हाथ लगी। प्राधिकरण ने कहा कि किसी दूसरे कैदी के बारे में जानकारी नहीं दे सकते है। फिर उसने राज्य सूचना आयोग की शरण ली। आयोग ने भी उसके आवेदन पर अस्पष्ट आदेश जारी किया है। इसलिए पेरारिवलन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में येरवडा जेल प्रशासन को अभिनेता दत्त की जल्द रिहाई को लेकर जानकारी देने का निर्देश देने की मांग की गई है।
इसी आधार पर खुद रिहा होना चाहता है पेरारिवलन
याचिका में पेरारिवलन ने कहा है कि उसकी मंशा दत्त को जेल भेजने की नहीं है। वह सिर्फ इतना जानना चाहता है कि क्या नियमों के तहत दत्त की रिहाई हुई है। वह दत्त के मामले से जुड़ी जानकारी का इस्तेमाल अपने लिए करना चाहता है। पेरारिवलन को 19 साल की उम्र में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल वह चेन्नई की जेल में 30 सालों से कैद है।
गौरतलब है कि मुंबई की विशेष अदालत ने संजय दत्त को साल 2006-2007 में 1993 बम धमाके के मामले में 6 साल की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दत्त ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने दत्त की 6 साल की सजा को घटा कर पांच साल कर दिया था। इसके बाद दत्त ने मई 2013 में आत्मसमर्पण किया था। जेल जाने के बाद दत्त को 256 दिन की रियायत मिली थी। जिसके बाद 25 फरवरी 2016 को दत्त की सजा पूरी हो गई थी।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।