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अफसरशाही की भेंट चढ़ी मंडी किसान हो रहे परेशान , घर में रखी लाखों की फसल

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। अपनी मेहनत की फसल बेचने के लिए पिछले दो महीने से बिछुआ के सैकड़ों किसान परेशान हो रहे है। अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से शिकायत कर चुके इन किसानों की समस्या आज तक नहीं सुलझ पाई है। हर बार नई तारीख देकर किसानों को वापस पहुंचा दिया जाता है। पिछले साल ही किसानों की फसल बेचने के लिए शासन ने बिछुआ में विस्तारित मंडी खोली थी। इस बार बिछुआ में ये मंडी को खोला जाना था। पिछले तीन महीने से किसान यहां मंडी खोलने की मांग कर रहे हैं लेकिन हर बार अमला नहीं होने का बहाना बताकर टाल दिया जाता है । सोमवार को मुख्यालय आए किसानों ने बताया कि मंडी नहीं खुलने से बिछुआ के सैकड़ों किसानों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बिछुआ में 46 पंजीकृत व्यापारी है लेकिन सिर्फ अधिकारियों की लापरवाही के चलते यहां के सैकड़ों किसानों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कोसों दूर आना पड़ रहा उपज बेचने
किसानों को कोसों दूर अपनी उपज बेचने के लिए जाना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि मंडी नहीं खुलने से बिछुआ के किसानों को छिंदवाड़ा, सौंसर व चौरई मंडी जाना पड़ रहा है। आने-जाने में ही हजारों का अतिरिक्त व्यय किसानों को व्यय करना पड़ रहा है। वहीं अपनी फसल ले जाने के लिए वाहन भी किसानों को नहीं मिल पा रहे हैं।
4-5 दिन लग रहे उपज बेचने में
अपनी उपज बेचने के लिए दूसरी मंडी जाने में 4 से 5 दिनों का समय लग रहा है। स्थानीय किसानों से उपज लेने के बाद व्यापारी हमारी फसल लेते हैं। इस दौरान मंडी में ही रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। लंबा समय मंडी में गुजारने के बाद फसल जैसे-तैसे बिकती है। उसमें भी भावांतर का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। किसानों की समस्या आज तक नहीं सुलझ पाई है।
Created On :   13 Nov 2018 1:48 PM IST