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जिला परिषद में दबी पड़ी फाइलें, कर्मियों के वेतन और पेंशन अटके

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद के वित्त व लेखा विभाग में सैकड़ों फाइलें महीनों से पड़ी हैं। फाइल आगे नहीं बढ़ने से कर्मचारियों को वेतन, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन, ठेकेदारों के काम के बिल अटके पड़े हैं। वित्त व लेखा अधिकारी का नागपुर विकास प्राधिकरण में तबादला कर दिया गया है, जबकि विभाग में अनेक पद रिक्त हैं। सहायक वित्त व लेखा अधिकारी के भरोसे काम चल रहा है, लेकिन आरोप लग रहे हैं कि प्रभारी अधिकारी को ठेकेदारों के बिल पास करने में अधिक रुचि है। वे अपने कक्ष में ठेकेदारों के साथ घंटों समय बिताते हैं।
मुख्य अधिकारी का हो गया तबादला
जिला परिषद के मुख्य वित्त व लेखा अधिकारी हेमंत ठाकरे का पांच महीने में नागपुर विकास प्राधिकरण में तबादला किया गया। उनका पदभार सहायक वित्त व लेखा अधिकारी वर्ग 2 को सौंपा गया। 2 राजपत्रित अधिकारी, 9 कनिष्ठ लेखा अधिकारियों के पद लंबे समय से रिक्त हैं। सहायक लेखा अधिकारी वर्ग 2 पद से 8 महीने पहले अरविंद पावड़े सेवानिवृत्त हुए। तब से उनकी जगह रिक्त पड़ी है। 22 सितंबर 2017 को पदोन्नति समिति ने कनिष्ठ लेखा अधिकारी व सहायक लेखा अधिकारी के 9 रिक्त पदों पर तत्काल भरती करने के वित्त व लेखा अधिकारी को निर्देश दिए थे। वित्त विभाग के मुख्यालय में 4, नागपुर पंस, पारशिवनी, काटोल, नरखेड़ और कामठी में एक-एक पद रिक्त है।
जिप के सभी विभागों का आर्थिक कारोबार वित्त विभाग पर निर्भर है। विविध विभागों की खरीदी, ठेकेदारों को बिल, कर्मचारियों का वेतन, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन इसी विभाग से अदा की जाती है। कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे वित्त व लेखा विभाग में विविध विभागों की सैकड़ों फाइल पड़ी हैं।
सभापति ने सीईओ को लिखी चिट्ठी
सभापति उकेश चौहान ने त्रस्त होकर सीईओ को चिट्ठी लिखकर तबादला अथवा पदोन्नत किए गए कर्मचारियों को तत्काल मुख्यालय में ज्वाइन कराने की मांग की है।
ठेकेदारों के बिल पास करने में रुचि
नागपुर जिला परिषद पेंशनर महासंघ के कार्याध्यक्ष एन. एल. सावरकर ने आरोप लगाया कि वित्त व लेखा विभाग में कर्मचारियों का वेतन, सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन की फाइलें पड़ी रहती हैं। प्रभारी अधिकारी को ठेकेदारों के बिल पास करने में अधिक रुचि है। वे अपने कक्ष में ठेकेदारों के साथ घंटों समय बिताते हैं। सहायक वित्त व लेखा अधिकारी वर्ग 2 के रिक्त पद पर समकक्ष अधिकारी की नियुक्ति करनी चाहिए थी, लेकिन अपनी मर्जी के वर्ग 3 कर्मचारी को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। कर्मचारियों की समस्या से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
Created On :   19 April 2018 1:19 PM IST