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ताड़ोबा के जंगल में हो रहा पंछियों का शिकार

डिजिटल डेस्क मोहुर्ली.(चंद्रपुर) । देश ही नही दुनिया में बाघों के साथ विविध वन्यजीव व पंछियों के लिए प्रसिद्ध ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के बफर झोन अंतर्गत खेतों में मछली पकड़ने के जाल लगाकर पंछियों का शिकार करने की गंभीर बात सामने आयी है। यह मामला उस समय सामने आया जब कुछ वन्यजीव प्रेमी परिसर में घूमने गए थे, जहां उन्हें भामडेली गांव समिप एक खेत में लंबे जाल में कुछ पंछी मृतावस्था में दिखाई दिए। कुछ पंछियों को वन्यप्रेमियों ने जाल से मुक्त किया जबकि कुछ उनके सामने ही मर गए। ताडोबा में इस तरह से शिकार करने की घटना सामने आने से ताडोबा प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे हो गए है।
खेत में दिखाई दिया जाल
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के बफर झोन अंतर्गत आनेवाले भामडेली गांव के एक व्यक्ती का गांव परिसर में खेत है। यह खेत ठेके पर नन्नावरे नामक व्यक्ति ने लिया है। फिलहाल खेत में किसी भी प्रकार की फसल नही है। बावजूद इसके खेत में मछली पकड़ने के बारीक जाल जमीन से लेकर करीब 15 फीट ऊपर तक लकडि़यों के बल्ली से बिछाए गए थे। शुक्रवार को सुबह के दौरान सातपुडा फाउंडेशन के वन्यजीव संवर्धन अधिकारी अजय पोद्दार तथा अन्य वन्यजीव प्रेमी परिसर में घूम रहे थे। इस दौरान उन्हें भामडेली गांव के बाहर एक खेत में जाल लगे होने की बात दिखाई दी। कैमेरे से जूम करके देखने पर जाल में कुछ पंछी लटके दिखाई दिए तो कुछ तड़पते नजर आए। पंछियों को तत्काल बचाने के लिए वन्यजीव प्रेमी अपने वाहन से उतरकर खेत में गए। इस दौरान सफेद बगुले को जीवनदान दिया गया। वही जाल में कई पंछी फंसकर मृतावस्था में दिखाई दिए। खेत में और एक सफेद बगुले के सिर्फ पंख मिले। जिससे बगुले की शिकार होने की आशंका जताई गई। जाल में सफेद बगुला, बुलबुल, कबूतर, कोतवाल, माक भिगंरी, तितर, बटेर आदि विविध प्रकार के पंछी पाए गए।
कई दिनों से जाल लगाए जाने का अंदेशा
बताया जाता है कि यह जाल कई दिनों से लगाए गए हैं। जिससे अब तक कई पंछियों का शिकार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मात्र इस ओर किसी का अब तक ध्यान नहीं गया। वन्यजीव प्रेमियों ने इसकी जानकारी तत्काल वनपरिक्षेत्र अधिकारी सचिन शिंदे को दी। उन्होंने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। वन्यजीव प्रेमियों ने संबंधीत दोषियों पर कडी कार्रवाई करने की मांग की है। यहां बता दें कि विगत दिनों ही पद्मापुर-मोहुर्ली मार्ग के दूसरे पुलिया के पास एक रिसोर्ट के तेज रफ्तार वाहन ने सड़क पा कर रहे जंगली भैंसे को रात के समय जोरदार टक्कर मारकर मौत के घाट उतार दिया था। बफर जोन का यह मामला शांत नही होता कि अब पंछियों का शिकार करने का गंभीर मामला सामने आया है। फलस्वरूप बफर झोन प्रबंधन व क्षेत्र के अधिकारी के कार्यप्रणाली पर सवाल खडे हो गए है।
जांच जारी
क्षेत्र के राउंड आफिसर धर्मेंद्र राउत का कहना है कि जानकारी मिलते ही वनरक्षक के साथ मैंने मौके पर जाकर देखा। करीब 20 फीट का जाल जब्त किया गया है । सिर्फ 2 पक्षी मिले हैं। बबन नन्नावरे के खेत में चने की फसल है। उसे बचाने के लिए उसने जाल लगाने की बात सामने आ रही है। जिससे शिकार के लिए ही उसने जाल लगाए हैं, यह अभी बता नही सकते। मामले की जांच जारी है।
Created On :   10 March 2018 6:32 PM IST