"पति भिखारी हो या विकलांग, पत्नी को गुजारा  भत्ता देना उसकी जिम्मेदारी’

Husband beggar or handicapped, his responsibility to pay alimony to wife
"पति भिखारी हो या विकलांग, पत्नी को गुजारा  भत्ता देना उसकी जिम्मेदारी’
"पति भिखारी हो या विकलांग, पत्नी को गुजारा  भत्ता देना उसकी जिम्मेदारी’

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर की एक स्थानीय अदालत ने कहा है कि पति चाहे भिखारी व दिव्यांग ही क्यों न हो फिर भी वह अपनी पत्नी व बच्चे को अंतरिम गुजारा भत्ता देने की जिम्मेदारी से नहीं बच सकता है। यह टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने अंधेरी की एक महिला को राहत प्रदान की है और पति को अपनी पत्नी को 15 हजार रुपए गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया है।   हिला ने अपने आवेदन में दावा किया था कि उसका पति काफी धनवान है। उसके पास आय के कई साधन हैं। उसके पति के परिवार का बड़ा कारोबार है। उनका स्पा, गुटखा बनाने, शेयर ब्रोकरेजव विदेशी कार सहित कई बिजनेस है। जबकि मेरी माली हालत ठीक नहीं है। मुझे अपने गुजर बसर के लिए दोस्तो से पैसे उधार लेने पड़ रहे हैं। वह अपने जीवन यापन के लिए अब अपनी उम्र दराज मां पर निर्भर नहीं होना चाहती है। इसलिए उसे प्रति माह ढाई लाख रुपये गुजारा भत्ता प्रदान किया जाए। आवेदन में महिला ने अपने पति व उसके घर वालों पर घरेलू हिंसा कानून के तहत प्रताड़ितकरने का भी आरोप लगाया था।

हालांकि सुनवाई के दौरान पति के रिश्तेदारों ने इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने दावा किया कि महिला मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। जिससे उसकी स्मरण शक्ति प्रभावित हुई है। यह बात शादी के समय उनसे छुपाई गई थी। उन्होंने महिला के उस दावे को भी आधारहीन बताया जिसमें कहा गया था कि उसके ससुराल वालो के पास काफी संपत्ति है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद मैजिस्ट्रेट ने कहा कि पत्नी व बच्चे की देखरेख की जिम्मेदारी पति के कंधे पर होती है। इसलिए पति भिखारी या विकलांग ही क्यों न हो वह गुजारे भत्ते की जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकता है।

मैजिस्ट्रेट ने कहा कि गुजारा भत्ते की रकम तय करते समय पति के माता-पिता व पत्नी के अभिभावकों की आय पर विचार नहीं किया जा सकता है। लेकिन महिला ने अपने पति के आय को लेकर जो बातें कही है उसके आधार पर पति की 50 हजार रुपए प्रति माह की आय का अंदाज लगाना तर्क संगत होगा। चूंकि हमारे सामने पति की आय को लेकर ठोस दस्तावेज नहीं हैं। इसलिए हम आय का ज्यादा अंदाज नहीं लगा सकते। यह बात कहते हुए मैजिस्ट्रेट ने पति को अपनी पत्नी को हर माह 15 हजार रुपए गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया। 

Created On :   2 Jan 2021 7:03 PM IST

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