डिवोर्स के बाद पत्नी का दूसरा विवाह होने तक देना होगा गुजारा भत्ता-HC

Husband must give living allowance to his wife till her next marriage
डिवोर्स के बाद पत्नी का दूसरा विवाह होने तक देना होगा गुजारा भत्ता-HC
डिवोर्स के बाद पत्नी का दूसरा विवाह होने तक देना होगा गुजारा भत्ता-HC

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डिवोर्स के बाद पत्नी का जब तक दूसरा विवाह नहीं होता तब तक गुजारा भत्ता देने के आदेश हाईकोर्ट ने एक मामले में दिए हैं।  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया आदेश में स्पष्ट किया है कि पति-पत्नी के बीच आपसी सहमति से हुए तलाक के बाद जब तक पत्नी दूसरा विवाह न कर ले, पति को उसे निर्धारित निर्वाह भत्ता देते रहना होगा। यह फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने शहर के मंगलवारी निवासी दंपति के बीच का मसला हल किया। दरअसल, आपसी सहमति से तलाक होने के बाद दोनों पक्षों ने जीवन में आगे बढ़ने का फैसला लिया और दोनों ने नई शादी कर ली, लेकिन तलाक मंजूर करते वक्त पारिवारिक कोर्ट ने पति को उसके नए विवाह तक हर माह निर्वाह भत्ता देने के आदेश दिए थे। इस पर असहमति जताते हुए पति ने हाइकोर्ट की शरण लेकर विवाह होने तक भी निर्वाह भत्ता देने का विरोध किया था। लेकिन कोर्ट ने मामले के सभी पक्षों को सुनने और संबंधित नियमों के प्रावधानों को देखते हुए पति को अपनी पत्नी को निर्वाह भत्ता देने के आदेश दिए। 

ये है मामला
शहर की मंगलवारी निवासी प्रतिभा ने पति अविनाश (दोनों परिवर्तित नाम) और ससुराल वालों पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ वर्ष 2010 में "प्रोटेक्शन ऑफ वुमन अगेंस्ट डोमेस्टिक वॉयलेंस एक्ट 2005" के तहत शिकायत की, लेकिन नागपुर जेएमएफसी कोर्ट ने उनकी याचिका में ठाेस मुद्दे नहीं होने के कारण उसे खारिज कर दिया। इसके खिलाफ प्रतिभा ने नागपुर सत्र न्यायालय की शरण ली, तो कोर्ट ने उनकी अर्जी अंशत: मंजूर की। 3 सितंबर 2015 को कोर्ट ने अविनाश को आदेश दिए कि वे हर माह प्रतिभा को 1500 रुपए बतौर निर्वाह भत्ता देंगे। यह मामला विचाराधीन ही था  कि दोनों (पति-पत्नी) ने पारिवारिक न्यायालय में आपसी सहमति से तलाक की अर्जी दायर की। कोर्ट ने दोनों की विनती मान्य करते हुए तलाक को मंजूरी दी। साथ ही अविनाश को पत्नी प्रतिभा को एकमुश्त 4 लाख 32 हजार रुपए बतौर निर्वाह भत्ता देने के आदेश दिए। अविनाश ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने 10 जुलाई 2017 को पारिवारिक न्यायालय का फैसला पलट दिया और पति को हर माह अपनी पत्नी को 1500 रुपए निर्वाह भत्ता देने के आदेश दिए।  इधर, 19 अप्रैल 2018 को प्रतिभा ने दूसरा विवाह कर लिया और अविनाश ने भी दूसरी शादी कर ली थी। शादी होने तक पत्नी निर्वाह भत्ते के लिए पात्र है या नहीं, यह विवाद कोर्ट में विचाराधीन था।

Created On :   24 Dec 2018 10:17 AM IST

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