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तलाक के लिए पत्नी को एचआईवी पॉजिटिव बताने वाले पति की मांग खारिज

डिजिटल डेस्क , मुंबई। बांबे हाईकोर्ट नेपत्नी के एचआईवी पॉजिटिव होने का झूठा दावा करनेवाले पति को तलाक देने से इनकार कर दिया है। पति ने याचिका में दावा किया था कि पत्नी के एचआईवी पॉजिटिव होने के चलते उसे मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा है।इसलिए उसकी पत्नी से तलाक की मांग को मंजूर किया जाए। किंतु न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने पुणे निवासी पति की अपील को खारिज करते हुए उसकी मांग को अस्वीकार कर दिया है। इससे पहले पुणे की पारिवारिक अदालत ने भी पति की तलाक से जुड़ी मांग को न मंजूर कर दिया था। इसलिए पति ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
न्यायमूर्ति जामदार के सामने पति की अपील पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पाया कि पति ने अपनी पत्नी के एचआईवी पॉजिटिव होने को लेकर कोई सबूत नहीं पेश किया है। इसलिए पति की ओर से तलाक को लेकर की गई मांग को खारिज किया जाता है। मामले से जुड़े दंपति का मार्च 2003 में विवाह हुआ था। पति ने याचिका में दावा किया था कि उसकी पत्नी सनकी,हठी व गुस्सैल स्वभाव की है। वह उससे व उसके घरवालों के साथ सही बर्ताव नहीं करती है। याचिका में पति ने कहा था कि पहले उसकी पत्नी तपेदिक से पीड़ित थी लेकिन साल 2005 में जब उसकी जांच की गई तो वह एचआईवी पॉजिटिव पाई गई। जिससे उसे मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा है। इसलिए उसे पत्नी से तलाक दिया जाए। किंतु पत्नी ने पति के दावा का खंडन करते हुए कहा कि उसकी एचआईवी जुड़ी रिपोर्ट निगेटिव आयी है। फिर भी उसका पति उसे लेकर घरवालों के बीच अफवाह फैला रहा है। जिससे उसे काफी मानसिक संताप झेलना पड़ा है। मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने कहा कि पति अपनी पत्नी के एचआईवी पॉजिटिव होने से जुड़ी मेडिकल रिपोर्ट पेश करने में विफल रहा है। पति यह भी दर्शाने में नाकाम रहा है कि पत्नी ने उसके साथ क्रूर बर्ताव किया है। खंडपीठ ने कहा कि पति ने अपनी पत्नी के एचआईवी पॉजिटिव होने की आधारहीन बात समाज व रिश्तेदारों के बीच फैलाकर पत्नी की बदनामी की है। ऐसे में पति की ओर से तलाक को लेकर की गई मांग को मांग को खारिज किया जाता है।
Created On :   25 Nov 2022 3:34 PM IST