तू मुझे पसंद है,मेरे साथ चलेगी क्या,मैं तुम्हें खुश कर दूंगा -कहने वाले को राहत नहीं

I like you, will you go with me, I will make you happy - no relief to the one who says
तू मुझे पसंद है,मेरे साथ चलेगी क्या,मैं तुम्हें खुश कर दूंगा -कहने वाले को राहत नहीं
कोर्ट सख्त तू मुझे पसंद है,मेरे साथ चलेगी क्या,मैं तुम्हें खुश कर दूंगा -कहने वाले को राहत नहीं

कृष्णा शुक्ला,मुंबई । तू मुझे बहुत पसंद है,मेरे साथ चलेगी क्या, मैं तुम्हे खुश कर दूंगा।  सब्जी खरीद रही लड़की को यह कहनेवाले आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को बांबे हाईकोर्ट ने रद्द करने से इनकार कर दिया है।  हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि लड़की के नजरअंदाज करने के बावजूद आरोपी लड़की के साथ छेड़खानी की  हरकत से बाज नहीं आया। शिकायतकर्ता (लड़की) के मुताबिक एक बार जब वह बाजार में थी तो आरोपी ने उसका हाथ पकड़कर कहा कि तुम्हारा मोबाइल नंबर दे दो मुझे, तुम्हे बाहर लेकर जाना है। सब खर्चा मैं करता हूं,एक बार मेरे साथ चलो अगर तुम्हें बाहर जाने को शर्म आती है तो मेरे घर पर कोई नहीं है। तुम कहो तो घर पर जाएंगे। 8 जून 2021 को आरोपी ने लड़की को पकड़कर जबरन अपनी कार में बिठाने की कोशिश की। आरोपी ने लड़की के से कहा कि ये गाड़ी मेरी है चल एक घंटे में घूम कर आते हैं। 

शिकायतकर्ता ने आरोपी की हरकतों को लेकर मुंब्रा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने साल 2021 में  लड़की की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (छेड़छाड) 354डी (पीछा करना), 342 व 506 के तहत एफआईआर दर्ज कर थी।  इस एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर आरोपी युसुफ अफरोज सैय्यद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में शिकायतकर्ता को आरोपों को झूठा व मनगढंत बताया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने मेरे मुवक्किल के खिलाफ दुर्भावना के चलते एफआईआर दर्ज कराई है। मेरे मुवक्किल दिव्यांग है वे शिकायतकर्ता को अपनी ओर नहीं खीच सकते है। 

याचिका व मामले से जुड़ी एफआईआर पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया शिकायतकर्ता ने आरोपी पर कथित रुप से जो आरोप लगाए है वे अपराध का खुलासा करते है। यह मामला रद्द करने के लिए उपयुक्त नजर नहीं आता है।  इसलिए आरोपी की याचिका को खारिज किया जाता है। रही बात आरोपी ने अपने बचाव में दिव्यांग होने को लेकर जो बात कही है  उसे वह निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान रखे। खंडपीठ ने कहा है कि निचली अदालत इस आदेश में कही गई बातों से प्रभावित न हो। निचली अदालत के न्यायधीश मैरिट के आधार पर इस मामले की सुनवाई करें। 
 

Created On :   28 Oct 2022 7:02 PM IST

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