निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
पन्ना निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह

डिजिटल डेस्क पन्ना। पन्ना जिले में प्रसिद्ध अध्यात्मिक एवं धार्मिक स्थान है हिन्दू मान्यता के अनुसार त्रेतायुग में भगवान राम को वनवास हुआ था और उन्होने १४ साल का वनवास पत्नि देवी सीता, अनुज लक्ष्मण जी के साथ जंगलों में भ्रमण करते हुये व्यतीत किया था और लंका के राजा रावण द्वारा देवी सीता का अपहरण किये जाने के पश्चात् भगवान श्रीराम ने वानर सेना की मदद से लंकापति रावण को पराजित किया था। प्रभु श्रीराम के वन गमन पथ पर जो शोध हुये है उनसे यह निकल कर सामने आया है कि त्रेता युग में भगवान श्रीराम पन्ना की पवित्र भूमि से निकले थे पन्ना जिले में स्थित देव गुरू बृहस्पति जी का आश्रम बृहस्पतिकुंड, सुतीक्षण मुनि जी का आश्रम सारंगधर धाम, देवेन्द्रगर के बड़ागांव स्थित अग्निजिहा आश्रम, सलेहा स्थित अगस्त मुनी जी के आश्रम स्थल को राम गमन पथ में शामिल है।

जिले में स्थित इन चार प्रसिद्ध स्थलों में से पन्ना से करीब २५ किमी दूर स्थित सुतीक्षण मुनि आश्रम जिसे सारंगधरधाम के रूप में जाना जाता है। अरण्यक स्थली सारंगधर धाम महिमा निराली है मकर संक्रांति के दिन यहां पर पर परागत तरीके से मकर संक्राति का मेला आयोजित होता है १११ साल पहले पन्ना के संबंध में प्रकाशित १९०७ के गजेटियर में सारंगधर धाम स्थित सुतीक्षण मुनि के आश्रम को लेकर यह उल्लेखित है कि मकर संक्रांति में इस पवित्र देव भूमि के दर्शन करने एवं देव कुंड के जल में डुबकी लगाने के लिये ५ हजार से भी अधिक लोग पहुंचते रहे है। श्रीराम चरित मानस में वर्णित कथा के अनुसार इस अरण्यक स्थली में राक्षसों द्वारा ऋषि मुनियों को परेशान करते हुये उनकी तपस्या में विघ्न पहुंचाते हुये प्रताडि़त किया जाता था भगवान श्रीराम, माता जानकी के साथ अपने वनवास के दौरान ऋषि सुतीक्षण मुनि के आश्रम में पहुंचे और यहां पर उन्होने मुनि के दर्शन करते हुये धनुष उठाते हुये पृथ्वी से निसाचरों के विनाश करने की प्रतिज्ञा की और इसी से इस स्थान को सारंगधर धाम के रूप में नाम और पहचान मिली।

सारंगधर धाम में दिनांक १५ जनवरी से ऐतिहासिक मकर संक्रांति का मेला शुरू होगा जो सात दिनों तक चलेगा। बताते है कि पहले यहां एक दिन का मेला का और उसके बाद तीन दिन का और उसके बाद पिछले करीब २५ सालों से सात दिन तक मकर संक्रांति के पर्व पर मेला लगता है। १५ जनवरी को मकर संक्राति पर्व के शुभ मुहूर्त पर भोर के साथ यहां स्थित पवित्र कुण्डों में बुडकी की डुबकी लगाने श्रृद्धालु पहुंचेगे और दिनभर मकर संक्राति पर्व पर बुडकी के मुहूर्त में डुबकी लगाने का क्रम जारी रहेगा। मकर संक्राति पर आयोजित ऐतिहासिक मेले का शुभारंभ दोपहर ०२ बजे मध्य प्रदेश शासन के मंत्री बृजेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह द्वारा किया जायेगा। 

Created On :   15 Jan 2023 4:44 PM IST

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