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शीघ्र नौकरी नहीं मिली तो बेमियादी अनशन

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। राजुरा तहसील के धोपटाला यू जी टू सास्ती ओसी इस कोयला खदान के लिए वेकोलि ने खेत जमीनों का अधिग्रहण किया है इसके बदले मुआवजा दिया गया, लेकिन कई महीने बीत जाने के बावजूद कंपनी ने अब तक प्रकल्पग्रस्तों को नौकरी नहीं दी। जिससे वेकोलि प्रशासन की कार्यप्रणाली से परेशान होकर प्रकल्पग्रस्तों ने वेकोलि मुख्यालय के सामने अनशन शुरू कर दिया। बताया गया कि, वेकोलि ने राजुरा तहसील के कोलगांव, सास्ती, मानोली, भडांगपुर, धोपटाला इन गांवों की 867 हेक्टेयर खेत जमीन अधिग्रहित की। 10 वर्ष पूर्व भूमि अधिग्रहित की गई। कोल बेअरिंग एक्ट की धारा 9 लागू होने के बाद कई अंादोलन के बाद जमीन अधिग्रहित की गई। उसके बाद 837 हेक्टेयर जमीन का मुआवजा दिया गया। अब कंपनी के नियमानुसार नौकरी देना आवश्यक है, लेकिन वेकोलि ने जमीन का मुआवजा देकर जगह पर कब्जा कर कोयला उत्खनन का कार्य शुरू किया। इस प्रकल्प में कुल 813 प्रकल्पग्रस्त किसानों अथवा उनके वारिसदारांें को नौकरी दी जाने वाली है, लेकिन सभी दस्तावेजों की पूर्तता करने के बावजूद नौकरी के ज्वानिंग लेटर भी नहीं दिए, जबकि इस संदर्भ में पूछताछ करने पर अधिकारी टालमटोल जवाब दे रहे हैं। जिससे अब प्रकल्पग्रस्त किसानों की आयु बढ़ रही है। नौकरी कब मिलेगी इस ओर सभी प्रकल्पग्रस्त किसान व उनके परिवार का ध्यान लगा है।
खेती न होने से आय का साधन नहीं रहा। ऐसी स्थिति में कितने माह खेती के मुआवजा पर परिवार का पोषण करना यह सवाल किया जा रहा है। जिससे इस संदर्भ में वेकोलि प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई तथा हल नहीं निकाले जाने से शुक्रवार को प्रकल्पग्रस्तों ने वेकोलि मुख्यालय के सामने अनशन शुरू कर दिया है। अनशन के प्रथम दिन सोनू गाड़गे, सतीश बानकर, दीपक चंदेल, दीपक खनके, सागर आईचवार सहित सैकड़ों प्रकल्पग्रस्त अनशन मंडप में मौजूद थे। अनशन की खबर वेकोलि के मुख्य महाप्रबंधक को मिलने पर उन्होंने नियोजन अधिकारी पी. पुलय्या को अनशन मंडप में भेजा। जहां पुलय्या ने प्रकल्पग्रस्तों को 30 अक्टूबर तक नौकरी के आदेश निकालने का आश्वासन दिया। जिसके बाद अनशन स्थगित किया गया। यदि 30 अक्टूबर तक कार्रवाई नहीं की गई तो, प्रकल्पग्रस्तों ने बेमियादी अनशन की चेतावनी दी।
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Created On :   22 Oct 2022 6:23 PM IST