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ट्रेनों में साफ-सफाई से संतुष्ट नहीं हुए यात्री तो ठेकेदारों का कटेगा पैसा

डिजिटल डेस्क,मुंबई। चलती ट्रेनों में साफ- सफाई का जिम्मा संभालने वाले ठेकेदारों को लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। 85 फीसदी यात्रियों के खुश होने पर ही ठेकेदारों को पूरी रकम का भुगतान किया जाएगा। 40 फीसदी या ज्यादा रेल यात्रियों ने अगर अपनी प्रतिक्रिया में नाखुशी जताई तो ठेकेदारों को 40 फीसदी रकम से हाथ धोना पड़ेगा। नाराज यात्रियों की संख्या के आधार पर ठेकेदारों की रकम कटेगी। इसके अलावा मध्य रेलवे ने यात्रियों से फीडबैक (प्रतिक्रिया) के लिए कोच मित्र सेवा भी शुरू की है।
मध्य रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुनील उदासी ने बताया कि चलती ट्रेनों में साफ सफाई के लिए ठेकेदारों को यात्री संतुष्टि सूचकांक (पीएसआई) के आधार पर भुगतान किया जाएगा। छह से नीचे पीएसआई होने पर 40 फीसदी भुगतान काटा जाएगा। इसी तरह पीएसआई 6 से 7.5 के बीच हो तो 30 फीसदी कम भुगतान किया जाएगा और अगर पीएसआई 7.6 से 8.5 है तो ठेकेदार को 20 फीसदी कम रकम मिलेगी। यात्री संतुष्टि सूचकांक 8.5 से ऊपर होने पर यानी 85 फीसदी यात्रियों के साफ सफाई से संतुष्ट होने पर ही ठेकेदार को पूरा भुगतान किया जाएगा। मध्य रेलवे 92 गाड़ियों में यात्रा के दौरान साफ सफाई की सुविधा उपलब्ध कराती है। इसके तहत प्रत्येक गाड़ी में छह सफाई कर्मी नियुक्त होतें हैं जो दो बार ट्रेन के भीतर साफ सफाई करते हैं। इसके अलावा यात्री जरूरत के मुताबिक सफाई कर्मियों की सेवा कभी भी ले सकते हैं।
एसएमएस के जरिए मांगी जा सकती है सेवा
नागपुर/मुंबई की ट्रेनों के लिए कोच मित्र योजना के तहत मोबाइल नंबर 9821736069 और पुणे की ट्रेनों के लिए 9200003232 नंबर पर एसएमएस के जरिए यात्री सफाई सेवा की मांग कर सकेंगे। रेलवे यात्रियों को एक पिन नंबर भेजेगा। काम से संतुष्ट होने के बाद यात्री सफाई कर्मचारी से यह पिन साझा करेगा। जिसके बाद यह प्रक्रिया पूरी होगी। उदासी के मुताबिक ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग सर्विसेस (ओबीएचएस) मॉडल स्वच्छता की मांग पर आधारित सेवा है। इसलिए यात्रियों को इसका लाभ लेते हुए सही प्रतिक्रिया देनी चाहिए जिसके आधार पर ठेकेदारों को भुगतान किया जाए।

Created On :   18 Oct 2018 6:25 PM IST