बाहर निकलो तो जान लेने के लिए हिंसक जानवर तैयार

 If you come out then violent animals are ready to kill
बाहर निकलो तो जान लेने के लिए हिंसक जानवर तैयार
घूम रहे शावक बाहर निकलो तो जान लेने के लिए हिंसक जानवर तैयार

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। जिले में विविध जगहों पर बाघ और तेंदुए ने आतंक मचा रखा है। इस आंतक के बीच ग्रामीणों को अपने कामों के लिए बाहर निकलना भी जरूरी है। यदि वे बाहर नहीं निकले तो खेतों के काम प्रभावित होंगे, जिस पर उनकी आजिविका निर्भर है। वहीं खेतों में जाकर काम करते समय वन्यजीवों का खतरा भी बना रहता है। वन्यजीवों के हमले में अब तक कई लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं। वनविभाग द्वारा भी समय-समय पर सूचित किया जाता है। फिर भी ग्रामीणों को वन्यजीवों की दहशत के बीच अपने कामों के लिए बाहर निकलना ही पड़ता है। इसी दौरान बाघ के हमले में एक चरवाहे की और एक पशु की मौत हो गई। वहीं ब्रह्मपुरी से 10 किमी. की दूरी पर अड्याल पहाड़ी परिसर मादा तेंदुआ अपने शावकों के साथ घूम रही है।

खेत से चारा लाने गया तो लौटा ही नहीं 
मोहर्ली (चंद्रपुर)| अपने गाय के लिए खेत से चारा लाने गए व्यक्ति पर घात लगाए बैठे बाघ ने हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई। घटना ताड़ोबा-अंधारी बाघ प्रकल्प अंतर्गत बफर क्षेत्र के सीतारामपेठ गांव समीप सराई रिसॉर्ट के पीछे जलाशय के पास 3 फरवरी  की शाम को हुई। मृतक का नाम सीतारामपेठ निवासी नमु संभाजी धांडे (55) है।  प्राप्त जानकारी के अनुसार धांडे हमेशा गाय को चराने के लिए खेत परिसर में जाता था। ऐसे में गुरुवार को वह अपने गाय के लिए खेत से चारा लाने गया। जहां बाघ ने उस पर हमला कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही आरएफओ मुन अपने टीम के साथ पहुंचे। इसकी जानकारी भद्रावती पुलिस को दी गई। खबर लिखे जाने तक मौका पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की कार्रवाई चल रही थी। 
कुछ दूरी तक खींचते ले गया बाघ : जानकारी के अनुसार पास के खेत में काम कर रहे लोगों को चीख-पुकार की आवाज आने से वे मौके पर दौड़ते गए। तब धांडे को बाघ कुछ दूरी पर तक खींचते ले गया। मृतक के गले व गाल पर चोटें हंै। 

कुछ दिनों से बाघ ने डाल रखा है डेरा : बताया जाता है कि, पिछले कुछ दिनों से परिसर में बाघ का विचरण है। कई ग्रामीणों को रोज बाघ नजर आ रहा है।गुरुवार  को घटना के पूर्व सुबह भी उसी परिसर में कुछ लोगों को बाघ नजर आया था। बता दें कि, सीतारामपेठ जंगल व्याप्त गांव है। परिसर में बाघ के अलावा अन्य वन्यजीवों का विचरण रहता है। इस घटना से ग्रामीणों से रोष है। नागरिकों ने पहले ही बाघ का बंदोबस्त करने की मांग की थी। जबकि जंगल से बाघ का विचरण रहेगा ही, बंदोबस्त कैसे करें, ऐसी दुविधा वनविभाग में है। बताया जाता है कि, परिसर में बने रिसोर्ट के सुरक्षा बाड़ भी वन्यजीवों के आवागमन में रोड़ा बन रहे हैं। 

 
 

Created On :   4 Feb 2022 10:03 AM GMT

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