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सूरज ढ़लते ही शुरू हो जाता है अवैध कोल परिवहन, वन क्षेत्र में हो रहा उत्खनन

डिजिटल डेस्क छिन्दवाड़ा/ परासिया । कोल माफिया इस बार बेरोकटोक कोयले का अवैध उत्खनन और परिवहन कर रहा है और अवैध कारोबार बंद कराने वाले सभी जिम्मेदार विभाग निष्क्रीय हैं। रावनवाड़ा क्षेत्र की बंद खदानों से होने वाला कोयले का अवैध उत्खनन अंदरूनी मार्गों से बाहर भेजा जाता है। इस बार कोल माफिया ने कोयले के अवैध परिहवन के लिए रावनवाड़ा से खिरसाडोह तक पुरानी रेल लाइन के खाली पाथ का उपयोग कर रहा है। इस पाथ के सहारे टै्रक्टर सीधे खिरसाडोह पंहुच जाते हैं।
कई सालों पहले वेकोलि के कोयला परिवहन के लिए रेलवे ने रावनवाड़ा से खिरसाडोह तक छोटी रेलवे लाइन बिछाई थी। इस रेलवे लाइन से कोयले का परिवहन खिरसाडोह तक किया जाता था। लेकिन कई साल पहले ही यह परिवहन बंद कर दिया गया है और रेलवे की पाथ भी चोर चुरा कर ले गए हैं। कोल माफिया अब इसी रेलवे लाइन के रास्ते कोयले से भरे टै्रक्टर बाहर लेकर जाते हैं। टै्रक्टर रावनवाड़ा से सीधे अंदर का रास्ता होते हुए खिरसाडोह तक निकल जाते हैं वहां से कोयला ईंट भट्टों को पहुंचा दिया जाता है। इस तरफ अब तक पुलिस और सीआईएसएफ का ध्यान नहीं गया है।
छिंदा शंकरगढ़ होते हुए चल रही मारूती वेन
अवैध कोयले के परिवहन के लिए कोल माफिया टै्रक्टर व मारूती वेन का उपयोग कर रहा है। रावनवाड़ा से खिरसाडोह टै्रक्टर चलाए जा रहे हैं। वहीं छिंदा से शंकरगढ़ मार्ग पर मारूती वेन से कोयले का अवैध परिवहन होता है। कोयला चोरों से बोरी में भरा कोयला खरीद कर कोल माफिया मारूती वेन के सहारे शंकरगढ़ होते हुए कोयला बाहर निकाल रहे हैं। कई बार शिकायत के बाद भी इस परिवहन पर कार्रवाई न के बराबर ही हो रही है। कोल माफिया ने कोल परिवहन के लिए नए मार्गों की तलाश कर ली है जिनके सहारे आसानी से कोयले का परिवहन किया जा रहा है।
वन क्षेत्र में हो रहा कोयले का परिवहन
कोयला चोर और कोल माफिया जान जोखिम में डालकर एक खोह से कोयले का परिवहन कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह खोह वन क्षेत्र में आता है फिर भी वन विभाग कोयला चोरों पर कर्रवाई नहीं कर रहा है। शंकरगढ़ के पीछे स्थित इस खोह में दर्जनों मजदूर व कोयला चोर एक साथ घ़ुस कर कोयले का उत्खनन करते हैं। जबकि खोह धंसा तो वहां से बाहर निकलने का और कोई रास्ता नहीं है। पूरी तरह से जान जोखिम में डालकर यह उत्खनन हो रहा है। वन क्षेत्र होने के कारण इस खोह में पुलिस व सीआईएसएफ कार्रवाई करने से बच रहा है।
इनका कहना है...
वन क्षेत्र में हो रहे उत्खनन की जानकारी नही है कोयले के परिवहन के लिए भी कोल माफिया ने अलग रास्ते बना रखे हैं इस सबंध में जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे वन विभाग की मदद भी ली जाएगी।
-सुरेश दामले, डीएसपी परासिया।

Created On :   15 Feb 2018 1:59 PM IST