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अधिकारियों से सांठगांठ कर नियमों को ठेंगा दिखा रहे कॉलोनाइजर्स

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । अवैध कॉलोनियों के फैलते जाल के बीच शासन के कड़े नियम पर कारगर साबित नहीं हो पाए। इन नियमों को ठेंगा दिखाते हुए शहर में चारों ओर अवैध कॉलोनियों का जाल फैला हुआ है। वैध कॉलोनियों की तरह इन अवैध कॉलोनियों में भी प्लाटों की बकायदा रजिस्ट्री हो रही है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि जिन पर इन अवैध कामों को रोकने का दारोमदार है वे ही चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। रोड, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का सपना दिखाकर कॉलोनाइजरों ने करोड़ों की जमीन बेच दी, लेकिन यहंा प्लाट लेकर पछता रहे क्रेता अब अधिकारियों को कोष रहे हैं। रेरा कानून के लागू होने के बाद ये अनुमान लगाया जा रहा था कि जमीन से जुड़े इस अवैध कारोबार में नकेल कसेगी, लेकिन कॉलोनाइजरों ने कानून को ठेंगा दिखाकर अवैध कॉलोनियों में आज भी प्लाटिंग कर रहे हैं। ये पूरा काम किसी एक जगह नहीं, बल्कि शहर से लगे हर इलाकें में धड़ल्ले से चल रहा है।
ग्रीन लेंड की जमीन पर प्लाटिंग
सरकारी दस्तावेजों में ग्रीन लेंड घोषित जमीन इन कॉलोनाइजरों द्वारा बेची जा रही है। जबकि इस जमीन पर कोई सरकारी सुविधा नहीं मिल सकती है। नगर निगम क्षेत्र में आने के बाद भी इस मद की जमीनों की खरीदी-बिक्री में कोई कमी नहीं आई है। सबसे बड़ी बात ये है कि पिछले डेढ़ साल में ग्रीन लेंड की जमीन की सबसे ज्यादा रजिस्ट्रियां हुई है।
पटवारियों की सांठगांठ, नहीं होता सर्वे
अवैध कॉलोनाइजरों और पटवारियों की सांठगांठ से भी ये अवैध कारोबार तेजी से फैल रहा है। नियम तो ये हैं कि पटवारी हल्कों में जमीन की खरीद-फरोख्त या फिर पावती जारी करने के बाद पटवारी को ये देखना चाहिए कि जमीन वैध है या फिर अवैध, लेकिन बिना कॉलोनाईजरों से सेटिंग के चलते ये नियम पटवारियों द्वारा शिथिल कर दिए जाते हैं।
विभाग में रजिस्ट्री हो रही है।
- सालों पहले सर्वे में कई कॉलोनियां अवैध पाई गई थी, लेकिन चंद दिनों तक रोक के बाद यहां फिर से रजिस्ट्रियां होने लगी, बदले प्रशासनिक अधिकारियो ने भी कोई ध्यान नहीं दिया।
इनका कहना है...
- अवैध कॉलोनी में प्लॉटिंग करने वाले कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जनता को तमाम सुविधाएं कॉलोनियों में मिलें। इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। नियमों का उलंघन करने वालों को बख्सा नहीं जाएगा।
कविता बाटला अपर कलेक्टर, छिंदवाड़ा
- रजिस्ट्री अधिनियम 1908 के तहत अवैध कॉलोनी की रजिस्ट्र्री नहीं करने का ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। यदि अवैध कॉलोनी है तो कॉलोनाइजर एक्ट के तहत राजस्व अधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं।
एसएस मेश्राम जिला पंजीयक
Created On :   21 Feb 2018 1:16 PM IST