अधिकारियों और रेत माफिया की साठगांठ, आबाद है अवैध खनन कारोबार

Illegal mining in nagpur, bhandara, chandrapur and gadchiroli
अधिकारियों और रेत माफिया की साठगांठ, आबाद है अवैध खनन कारोबार
अधिकारियों और रेत माफिया की साठगांठ, आबाद है अवैध खनन कारोबार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लाख सख्ती के बावजूद रेत माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। भंडारा, चंद्रपुर, गढ़चिरौली से बिना रॉयल्टी के रेत ट्रक शहर में लाए जा रहे हैं। सिर्फ ट्रक नहीं आ रहे बल्कि ओवर लोडिंग ट्रक निकल रहे हैं। कार्रवाई से बचने के लिए गांव के छोटे और कच्चे रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं। खुद खनिकर्म विभाग के आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं। 1 अप्रैल से 30 जून तक जिला खनिकर्म विभाग ने नागपुर जिले में 178 मामलों में कार्रवाई कर इनसे 35 लाख 30 हजार 123 रुपए का दंड वसूल किया है। तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।

हालांकि कई मामले हैं, जो अधिकारियों की नजरों से बच रहे हैं या बचाए जा रहे हैं। खासकर भंडारा के चांदमारा और लाखांदूर के मोरना रेत घाट से बिना रॉयल्टी के निकलने वाले ट्रकों पर खास मेहरबानी बताई जा रही है। कुछ विशेष लोगों का इसमें निवेश बताया जा रहा है। इसके लिए बड़े स्तर पर मिलीभगत का आरोप भी लग रहा है।

नागपुर जिले में इस बार 31 रेत घाटों की नीलामी हुई थी। इनसे प्रशासन को 21 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। 36 घाट पर उचित बोली नहीं लगने या किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाने से वे बिक नहीं पाए थे। जिन्हें नागपुर िजले में रेत घाट नहीं मिला, वे आसपास के जिलों में दौड़ पड़े। वे भी दौड़े, जिन्हें घाट मिला था।

किसी ने भंडारा में, किसी ने चंद्रपुर और गडचिरोली में रेत घाट खरीदें। इन जिलों के कोलारी, पिंपलगांव, सावंगी, मोहर्णा, इटान, चांदमारा, मोरना गांव खासे चर्चा में है। इन रेत घाटों से बड़े पैमाने पर बिना रॉयल्टी का माल नागपुर में आने की जानकारी है। ट्रकों में ओवरलोड माल लाया जा रहा है। इसके लिए रेत माफियाओं ने गांवों के छोटे व कच्चे रास्तों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। ब्रम्हपुरी, भिवापुर और लाखांदूर जैसी जगहों से रेत ट्रक शहर में आ रहे हैं। इसकी वजह से गांवों की सड़कें भी बर्बाद हो रही है। रेत माफियाओं का खौफ इतना है कि गांव वाले कुछ बोल नहीं पाते हैं।

चकमा देने में हो जाते हैं कामयाब

विशेष यह कि रॉयल्टी नहीं कटने से प्रशासन को लाखों का नुकसान हो रहा है। इसका फायदा रेत माफिया उठा रहे है। बिना रॉयल्टी काटे माल शहर में उतारकर उसे 17 से 18 हजार रुपए में बेचा जा रहा है। रॉयल्टी अनुसार इसकी कीमत 25 हजार होती है। फिलहाल प्रशासन कार्रवाई का दावा कर रहा है। किन्तु रेत माफिया भी इन्हें चकमा देकर भागने में कामयाब हो रहे हैं। बाकायदा माफियाओं ने अपना नेटवर्क तैयार कर वॉइस ग्रुप बना रखा है। इसके लिए सफेद रंग की डस्टर, डिजायर, स्कॉरपियो गाड़ियां 24 घंटे संबंधित मार्गों पर घूमते रहती हैं।

जैसे ही पेट्रोलिंग की जानकारी मिलती है, उन्हें वॉइस मैसेज से अलर्ट कर दिया जाता है। ऐसे में प्रशासन को जो आसानी से मिल जाता है, उनपर कार्रवाई की जा रही है। पिछले साल 1256 मामलों में कार्रवाई कर 49.80 लाख रुपए का दंड वसूला गया था। इस बार 1 अप्रैल से 30 जून तक 178 मामलों में कार्रवाई की गई। सर्वाधिक कार्रवाई भिवापुर तहसील मार्ग पर की गई। 47 मामलों में 13 लाख 89 हजार रुपए दंड वसूला गया। इसके बाद सावनेर में 35 कार्रवाई कर 7.13 लाख रुपए वसूल किए गए। भंडारा से जुड़ने वाले उमरेड रोड पर सिर्फ दो कार्रवाई की गई। ऐसे में प्रशासन पर जानबूझकर कुछ मार्गों पर कार्रवाई में ढील देने का आरोप लग रहा है।

नागपुर के 4 घाट बंद

नागपुर जिले में इस बार 31 रेत घाट नीलाम हुए थे। किन्तु रेत घाटों पर गड़बड़ी की शिकायत के बाद जिलाधिकारी सचिन कुर्वे के निर्देश पर रेत घाटों पर ड्रोन से नजर रखी गई थी। जिसमें चार रेती घाटों पर गड़बड़ी होने का खुलासा हुआ। इसके बाद मौदा के मोरगांव, कुही के चिचघाट, पारशिवनी के वाघोडा, सिहोरा रेत घाट का बंद कर लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था। फिलहाल 27 रेत घाट शुरू है। अक्टूबर में नई नीलामी प्रक्रिया शुरू होगी।

सभी पर कार्रवाई जारी है

नागपुर के जिला खनिकर्म अधिकारी श्रीराम कडू ने कहा कि जो गड़बड़ी पाते या अवैध परिवहन करते मिल रहा है, सभी पर कार्रवाई की गई है। बिना रॉयल्टी के पकड़े जाने पर प्रति ब्रास 7500 रुपए दंड वसूला गया है। आंकड़े इसके गवाह है कि कार्रवाई लगातार और बड़े पैमाने पर जारी है।

Created On :   5 July 2017 5:56 PM IST

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