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अवैध भूखंड नियमितिकरण का विरोध, सुनवाई जल्द

डिजिटल डेस्क, नागपुर। याचिकाकर्ता अजय तिवारी ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर कर नागपुर मेट्रो रिजन विकास प्राधिकरण व नासुप्र द्वारा प्रस्तावित अवैध भू-खंड नियमितिकरण का विरोध किया गया है। महाराष्ट्र गुंठेवारी विकास अधिनियम में संशोधन के उद्देश्य से 2 मार्च 2021 को एक बिल लाया गया, जिसमें 1 जनवरी 2001 से 31 दिसंबर 2020 तक के अवैध भू-खंडों को नियमित करने की तैयारी की गई है। याचिकाकर्ता ने इस फैसले को अवैध करार दिया है। मामले में जल्द ही हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता की ओर से एड.एम.अनिलकुमार, एड.रुखसार शेख व एड.श्वेता बुरबुरे कामकाज देख रहे हैं।
प्रतिबंध... अनधिकृत ले-आउट नियमित नहीं किया जाएगा
याचिकाकर्ता के अनुसार, नागपुर में बिल्डर और सोसायटियांे द्वारा वर्ष 1987 से वर्ष 2000 तक 572 अनधिकृत ले-आउट बनाकर लोगों को भू-खंड बेचे गए थे। अनेक लोगों को अनधिकृत भू-खंड बेचे गए थे। उस वक्त विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की समिति बनी थी। फैसला लिया था कि अब आगे अनधिकृत ले-आउट को मंजूरी नहीं दी जाएगी। लेकिन जो बन चुके हैं, लोग उस पर अपना घर बना चुके हैं, उन्हें राहत दी जाएगी। इस आधार पर 31 दिसंबर 2000 तक के 572 अनधिकृत ले-आउट को नियमित करने का फैसला लिया गया। इसमें शर्त जोड़ी गई कि इसके आगे किसी भी अनधिकृत ले-आउट को नियमित नहीं किया जाएगा। वर्ष 2018 में याचिकाकर्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर नागपुर खंडपीठ ने ऐसा ही आदेश जारी किया था, जिसमें किसी भी अनधिकृत ले-आउट को नियमित करने पर प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन बीते मार्च में नासुप्र एक बिल लेकर आई, जिसमें 1 जनवरी 2001 से 31 दिसंबर 2020 तक के अवैध भू-खंडों को नियमित करने की तैयारी की गई है, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
Created On :   10 May 2021 10:21 AM IST