देश भर से ग्रामोदय पहुंचे वैज्ञानिक , ग्रामीण विकास पर रख रहे विचार

importance of the role of science, technology in rural development explained
देश भर से ग्रामोदय पहुंचे वैज्ञानिक , ग्रामीण विकास पर रख रहे विचार
देश भर से ग्रामोदय पहुंचे वैज्ञानिक , ग्रामीण विकास पर रख रहे विचार

डिजिटल डेस्क, सतना। ग्रामीण विकास में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं परिस्थती तंत्र की भूमिका के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि देश में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में विविध प्रकृति एवं प्रवृत्ति के काम हो रहे हैं। इन कामों से देश के सतत् ग्रामीण विकास की सम्भावनाएं बनी हैं। यह विचार 88वां वार्षिक अधिवेशन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नासी के अध्यक्ष प्रो. अनिल काकोडकर ने रखे।

उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में देश भर के वैज्ञानिकों का जमावड़ा लगा। इसकी शुरुआत गुरुवार से हो गई, वैज्ञानिकों का यह मेला 8 दिसम्बर तक लगा रहेगा। दरअसल, ग्रामोदय नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस इंडिया (नासी) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की मेजबानी कर रहा है। इस मौके पर नासी अपना 88वां वार्षिक अधिवेशन भी कर रहा है। पहले दिन देश के ख्यातिलब्ध नासी ने 6 वैज्ञानिकों को रिलायंस इंडस्ट्रीज प्लेटिनम जुबली अवार्ड से सम्मानित किया। सम्मेलन में देश भर से आए वैज्ञानिक ग्रामीण विकास पर अपने-अपने विचारों को रख रहे हैं। इसके साथ ही खेती को रोजगार से कैसे जोड़ा जाए, इस संबंध में भी जानकारी दे रहे हैं।इनका हुआ सम्मान
सम्मेलन के पहले दिन देश के 6 वैज्ञानिकों का सम्मान किया गया। इसमें आईआईएससी बंगलौर के प्रो. नवाकान्त भटट्, आईआईटी मुम्बई के प्रो. रोहित श्रीवास्तव, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. प्रलय मैत्री को भौतिकीय विज्ञान के लिए तथा आईसीपीटी तंजौर के डॉ. सी.आनंदधर्मा कृष्णन, नेशलन ब्रेन रिसर्च सेन्टर गुरुग्राम के प्रो. नंदनी चटर्जी तथा जाधवपुर विश्वविद्यालय कोलकता के डॉ. पुलक कुमार मुखर्जी जैविकीय विज्ञान क्षेत्र से संबंधित हैं।

ये रहे मौजूद
उद्घाटन सत्र में नासी के अध्यक्ष समेत पूर्व अध्यक्ष प्रो. मंजू शर्मा, कुलपति प्रो. नरेश चन्द्र गौतम, आईपीडी प्रो. सत्यदेव, प्रो. परमजीत खुराना, दीनदयाल शोध संस्थान के सगंठन सचिव अभय महाजन एवं नासी के सचिव प्रो. नीरज कुमार और स्थानीय संयोजक प्रो. आईपी त्रिपाठी डॉ. नीरज कुमार समेत देश भर से आए वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, शोधार्थी तथा  स्थानीय गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। इस संगोष्ठी में 400 से अधिक वैज्ञानिक, शिक्षविद एवं शोधार्थी अपनी प्रस्तुतियां देंगे।

Created On :   7 Dec 2018 1:47 PM IST

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