शादी से पहले छुपाई नपुंसकता, कोर्ट ने नहीं दी जमानत

Impotence hid before marriage, the court did not grant bail
शादी से पहले छुपाई नपुंसकता, कोर्ट ने नहीं दी जमानत
शादी से पहले छुपाई नपुंसकता, कोर्ट ने नहीं दी जमानत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शादी से पहले अपने नपुंसकता से जुड़े उपचार की जानकारी छुपाने वाले पति को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने मामले में आरोपी ससुर व देवर के जमानत आवेदन को भी खारिज कर दिया है।  पीड़िता ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सांताक्रुज पुलिस स्टेशन में जून 2020 में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें पीड़िता ने अपने डॉक्टर ससुर पर बरेली स्थिति ससुराल के घर में इंजेक्शन देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। जबकि पति के नपुंसक होने का दावा किया गया था। पीड़िता ने अपने ससुराल वालों पर बदसलूकी व दहेज मांगने का आरोप भी लगाया है। पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 373(3) , 328, 498ए, 109, 406 व 506 सहित विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। 

मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आरोपियों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल के सामने आरोपियों के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। आरोपियों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता गिरीष कुलकर्णी ने कहा कि मेरे मुवक्किल पर लगे आरोप आधारहीन हैं। आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरुरत नहीं है। इसके अलावा जनवरी 2020 में हुई घटना को लेकर जून 2020 में शिकायत दर्ज कराई गई है। इस लिहाज से एफआईआर दर्ज कराने में देरी हुई है। इसके अलावा पीड़िता ने जिस घटना के संबंध में शिकायत दर्ज कराई है, वह उत्तरप्रदेश के बरेली में हुई है। सांताक्रुज पुलिस स्टेशन को इस शिकायत की जांच करने का अधिकार नहीं है। 

वहीं सरकारी वकील ने आरोपियों की जमानत का विरोध किया और कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा शिकायतकर्ता का पति मेडिकल जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। आरोपियों पर काफी गंभीर आरोप हैं। इसलिए उन्हें जमानत न दी जाए। क्योंकि इन आरोपियों ने पहले मामला रद्द करने के लिए भी आवेदन किया था। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा कि आरोपियों पर काफी गंभीर आरोप है। इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नजर आ रही है। इसलिए आरोपियों के जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है। 


 

Created On :   13 Feb 2021 6:04 PM IST

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