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बेटे को देखते ही छलक पड़े आंसू, अनाथालयों की खाक छानती महिला को भिक्षागृह में मिला बेटा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के पाटणकर चौक स्थित बाल निरीक्षणगृह के आहाते में जहां कई कहानियां सिसकियां भर रही हैं, वहीं इसके सामने बने भिक्षागृह में मंगलवार काे 6 साल पहले गायब हुए बेटे को पाकर एक मां की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। मां ने बेटे को कलेजे से लगा लिया और मां भिक्षागृह के अधिकारियों का एहसान जता रही थी कि उनकी बदौलत उनका लाल मिल गया।
सालों से अनाथालयों की खाक छान रही थी मां
रायपुर निवासी यादव नामक महिला का बेटा 6 वर्ष पहले गायब हो गया था। बेटे की तलाश माता-पिता करते रहे। महिला ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनका बेटा 4 वर्ष का था तब अचानक गायब हो गया। पुलिस के पास शिकायत भी दर्ज कराई। थाने जाने पर बस यही जवाब मिलता था कि हम तलाश कर रहे हैं। बेटे से दोबारा मिल पाने की उम्मीद पूरा परिवार खो चुका था। परिवार के लोग यह मान चुके थे कि दोबारा जीत (परिवर्तित नाम) को वह कभी देख पाएंगे भी या नहीं। जीत की मां के दिल में उम्मीद की किरण बाकी थी। परिवार के लोग अपने काम में व्यस्त हो गए थे, लेकिन जीत की मां उसे हर पल याद करती रहती थी। एक दिन जीत की मां ने जिद की कि मध्यप्रदेश के अनाथालयों, आश्रमगृहों में जीत की तलाश की जाए तो शायद कुछ जानकारी मिल जाए।
छत्तीसगढ़ में भी खोज की
रायपुर और छत्तीसगढ़ में बेटे की खोज की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। आखिरकार नागपुर में खोजबीन करने के लिए परिवार निकला। परिवार के साथ मंगलवार को नागपुर पहुंचने पर मां ने कई अनाथालयों और विश्रामगृहों की खाक छानी। इस दौरान उन्हें पता चला कि कुछ बच्चों को पाटणकर चौक के भिक्षागृह में रखा गया है। यहां पर उन बच्चों को रखा जाता है, जो भिक्षा मांगतेे या लावारिस हालत में पाए जाते हैं। जीत की मां जब भिक्षागृह में अपने बेटे की तलाश करने पहुंची तब उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। उनका बेटा करीब 6 साल बाद उन्हें मिल गया। उनके बेटे ने अपनी मां को देखते ही पहचान लिया। इसके बाद बेटे को ले जाने की कानूनी प्रक्रिया पूरी की।
बेटे को देखते ही छलक पड़े खुशी के आंसू
जीत की मां भिक्षागृह के प्रवेश द्वार पर रो रही थी। रोती हुई महिला से जब कारण पूछा गया तब पता चला कि उनके 6 साल पहले बिछुड़े बेटे के मिलने पर निकले खुशियों के आंसू हैं। महिला ने तस्वीर लेने से इनकार कर दिया , लेकिन जाते- जाते उन्होंने अपने बेटे के मिलने की खुशी जताते हुए बस इतना कहा कि उनका बेटा नागपुर में मिल गया। वह नागपुर को ताउम्र नहीं भूल पाएंगी। यहां के अधिकारियों ने उनके बेटे को बाल दिवस की पूर्व संध्या पर उनके हवाले किया। यह उनकी जिंदगी का सबसे यादगार पल रहेगा।
Created On :   14 Nov 2018 1:00 PM IST