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गांव वाले चीखते रहे बच्चे को उठा ले गया तेंदुआ

डिजिटल डेस्क, ब्रह्मपुरी.(चंद्रपुर) ब्रह्मपुरी तहसील के मुरपार गांव परिसर में शौच के लिए गए 8 वर्षीय बालक पर घात लगाए बैठे तेंदुए ने अचानक हमला कर दिया। हमलावर तेंदुआ उसे आधे किमी तक घसीटकर ले जा रहा था और गांव के अनेक नागरिक चीख-पुकार कर रहे थे। ग्रामीणों का शोर कोई काम नहीं आया। लोगों की नजरों के सामने ही उस बालक की तेंदुए ने जान ले ली। मृत बालक का नाम साहिल अमोल सालोटकार बताया जाता है। इस घटना से परिसर में दहशत है।
जानकारी के अनुसार जिप शाला के कक्षा दूसरी में पढऩे वाला साहिल अपनी दादी अंजीरा देशमुख के साथ घर के समीप सड़क किनारे झुड़पी जंगल परिसर में गोबर-खाद गड्ढे में फेंकने गया था। इस दौरान साहिल शौच के लिए चला गया। घात लगाए बैठे तेंदुए ने अचानक उस पर हमला कर दिया। इस बालक की मौत होने तक तेंदुए ने उसे नहीं छोड़ा। तेंदुए के चंगुल में फंसे बालक को बचाने के लिए साहिल की दादी व ग्रामीण चीख रहे थे, परंतु उनके शोर से तेंदुए ने बालक को नहीं छोड़ा। बताया जाता है कि साहिल मूलत: ब्रह्मपुरी तहसील के एकारा का निवासी है। वह अपने नाना के पास बचपन से रहता था। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के टीम ने घटना स्थल पर पहुंचकर पंचनामा किया। लाश को शव विच्छेदन के लिए स्थानीय अस्पताल में भेजा गया। इसके पूर्व भी परिसर में बाघ व तेंदुए के हमलों की घटनाएं दर्ज की जा चुकी है। वन विभाग से अनेक बार शिकायतें करने के बावजूद इसकी अनदेखी किए जाने का आरोप है। इसके चलते वन विभाग के प्रति रोष व्याप्त है। तत्काल हिंसक वन्य जीवों का बंदोबस्त करने की मांग परिसरवासियों ने की है। मांग की पूर्ति न होने पर तीव्र आंदोलन की चेतावनी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के ब्रम्हपुरी विधानसभा प्रमुख कॉ.विनोद झोडगे ने दी है।
बढ़ते जा रहे हैं हमले
सरकारी आंकड़ों पर यदि गौर किया जाए तो वन्य जीवों के हमले लगातार बढऩे लगे हैं। औसतन जहां हर वर्ष 5 लोग बाघ के हमले में अपनी जान गंवाया करते थे, वह संख्या अब बढ़कर 9 तक पहुंच गई है। बीते ६ वर्षों में हिंसक प्राणियों के हमलों में41 लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी है। बढ़ती जनसंख्या व शहरीकरण के कारण जंगल क्षेत्र घट रहा है। वन्यजीवों के आवास पर इसका विपरीत असर होने से संघर्ष की स्थिति निर्माण हुई है। सरकार ने राहत के तौर पर मृतक के परिजनों को 8 से बढ़ाकर 10 लाख निधि का प्रावधान किया है। जबकि घायलों को मात्र 1 लाख की सहायता मिलती है।
6 वर्ष में 28 ने गंवाई जान
जिले में मुख्य रूप से चंद्रपुर, ब्रह्मपुरी एवं मध्य चांदा वन विभाग का प्रशासन काम करता है। यहां के जंगलों एवं वन्य जीवों की सुरक्षा का दारोमदार इन विभागों पर हैं। बीते ६ वर्षों में जिले में बाघ, तेंदुए व अन्य हिंसक प्राणियों के हमलों में गांव से सटे जंगलों में 28 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। वर्ष2013 में 1, 2014 में 5, 2015 में 3, 2016 में 5 , 2017 में 5 और 2018 में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है।
Created On :   28 Sept 2018 2:03 PM IST