टॉयलेट बनाने के नाम पर झोंकी धूल, बीडीओ ने 54 को भेजा नोटिस

In Sinjara village of Narkhed tehsil the money has taken in the name of making toilets
टॉयलेट बनाने के नाम पर झोंकी धूल, बीडीओ ने 54 को भेजा नोटिस
टॉयलेट बनाने के नाम पर झोंकी धूल, बीडीओ ने 54 को भेजा नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शौचमुक्त अभियान को नरखेड़ तहसील के सिंजारा गांव में करारा तमाचा जड़ा गया है। सरकार से टॉयलेट बनाने के लिए रकम लेकर आंखों में धूल झोंकने का काम किया गया है। बीडीओ का नोटिस मिलने पर उन्हें पता चला की उनके नाम से अनुदान उठाया गया है। 54 लोगों को नोटिस भेजा गया है। उन्हें  टायलेट बनाकर 15 दिन में फोटो भेजने का समय दिया गया है। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो सरकार के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में फौजदारी मामला दर्ज करने की चेतावनी दी गई है। कार्रवाई के डर से गांव के लोग भयभीत हैं। हालांकि ग्रामीणों का कहना है 150 शौचालयों का अनुदान हड़प लिया गया है। केंद्र सरकार ने पूरे भारत में स्वच्छता भारत मिशन शुरू किया। इसके तहत टायलेट का निर्माण करने के लिए लाभार्थियों को 12 हजार रुपए अनुदान दिया गया।

गांव के 54 लोगों ने घर में नहीं बनाया टायलेट
स्वच्छता अभियान की वेबसाइट पर नागपुर जिला परिषद 100 प्रतिशत खुले में शौचमुक्ति का दावा किया गया है, वहीं दूसरी ओर नरखेड़ तहसील के सिंजारा गांव में टायलेट का निर्माण किए बिना अनुदान उठाए जाने पर 54 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। उन्हें 15 दिन में टायलेट का निर्माण कर फोटो भेजने के लिए सूचित किया गया है। अन्यथा सरकार के साथ धोखाधड़ी के आरोप में फौजदारी मामले दर्ज करने की ताकीद दी गई है। इससे साफ होता है कि सिंजारा गांव में 54 लोगों के घरों में शौचालय नहीं हैं। हालांकि गांव के लोगों का कहना है कि ऐसे लगभग 150 लोग हैं, जिनके घरों में आज भी शौचालय नहीं है। सरकारी आंकड़ों में 293 शौचालयों का निर्माण कर संपूर्ण गांव खुले में शौचमुक्त दिखाया गया है।

पहले टायलेट बनाए गए हैं या नहीं, इसकी जांच की जाएगी। टायलेट बनाए बिना कैसे अनुदान उठाया गया, इसकी भी जांच होगी। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 
राजेंद्र भुयार, जिप उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी (पंचायत विभाग)

मैं ग्राम पंचायत कर्मचारी हूं। वेतन के लिए कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया। मैंने भी हस्ताक्षर किए और रकम उठा ली। मुझे पता ही नहीं शौचालय  अनुदान के दस्तावेजों पर मेरे हस्ताक्षर लिए गए।
संदीप गाखरे, ग्रा.पं. कर्मचारी

मेेरे खेत में सरकारी अनुदान से कुआ मंजूर हुआ था। कुएं के अनुदान के लिए मुझे हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया। नोटिस मिलने पर मेरे साथ धोखाधड़ी होने का पता चला।
वासुदेव गुलाले, पीड़ित नागरिक

शौचालय मंजूर करवाने के लिए मेरे पिता के हस्ताक्षर लिए थे। उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन अभी तक शौचालय नहीं मिला। अब मेरे नाम से फौजदारी कार्रवाई करने का नोटिस मिला है।
राजू धमदे, पीड़ित नागरिक

सिंजारा गांव में शौचालय घोटाला हुआ है। नागरिकों को गुमराह कर लगभग 150 शौचालयों का अनुदान हड़प लिया गया है। इसकी गहन जांच कर दोषी के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई होनी चाहिए। -सचिन भिल्लन, सामाजिक कार्यकर्ता, सिंजारा


 

Created On :   25 Oct 2018 11:45 AM IST

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