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नाबालिग के गर्भपात मामले में कोर्ट ने कहा- स्पष्ट भाषा में रिपोर्ट दें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 17 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के 18 सप्ताह के गर्भ को गिराने के मुद्दे पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने मेयो अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से स्पष्ट रिपोर्ट मांगी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि न्यायालयीन कामकाज के लिए जरूरी है कि रिपोर्ट स्पष्ट भाषा में हो। दरअसल पीड़िता के पिता नहीं हैं। वह अपनी मां के साथ रह रही है। पहले मां के मित्र ने और फिर पुरुष रिश्तेदारों ने बालिका के साथ दुष्कर्म किया। 26 जून 2021 को उसने हिम्मत करके मानकापुर पुलिस थाने में शिकायत की।
पुलिस ने इस मामले में अनिल कुमार श्रीवास्तव, संभूनाथ पाल और बालिका की मां के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पीड़िता की बहन और भाई को अलग-अलग आश्रयगृहों में रखा गया। अब पीड़िता गर्भ से हैं, उसका स्वास्थ्य दिनों-दिन बिगड़ता जा रहा है। वह 18 सप्ताह की गर्भवती है। ऐसे में पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके गर्भपात की अनुमति मांगी है। उसकी ओर से एड. आदिल मिर्जा और सरकार की ओर से सरकारी वकील संजय डोईफोडे कामकाज देख रहे हैं।
Created On :   28 Aug 2021 6:10 PM IST