- Home
- /
- VHA का कलह चरम पर, सिलेक्शन ट्रायल...
VHA का कलह चरम पर, सिलेक्शन ट्रायल के पहले ही झटक रहे हाथ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। VHA (विदर्भ हॉकी एसोसिएशन) का कलह चरम पर है। VHA के पदाधिकारियों में सत्ता संघर्ष इतना ज्यादा हावी हो गया कि अब उन्हें खिलाड़ियों के नुकसान की चिंता भी नहीं है। VHA अध्यक्ष और सचिव की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाले गुट ने सिलेक्शन ट्रायल आयोजित करने का फैसला लिया है। VHA के अमरावती रोड स्थित मैदान पर सीनियर वर्ग के लिए 31 दिसंबर से और जूनियर वर्ग के लिए 2 जनवरी से ट्रायल आयोजित करने की जानकारी डॉ. ए. पी. जोशी ने एक विज्ञप्ति जारी कर दी है, हालांकि उन्हें खिलाड़ियों के नुकसान से कुछ लेना-देना नहीं है और ऐसे होने पर इसके लिए वीएचए अध्यक्ष बी. सी. भरतिया और सचिव विनोद गवई को जिम्मेदार ठहराने की बात डॉ. जोशी ने कही है।
पदाधिकारी जोश में
VHA में सत्ता संघर्ष आम बात है, लेकिन इस बार पदाधिकारियों का जोश उफान पर है। हॉकी के विकास को मुद्दा बनाते हुए 8 कार्यकारिणी सदस्यों ने अध्यक्ष व सचिव को ऐसे बर्खास्त कर दिया। मजे की बात यह है कि मौजूदा कार्यकारिणी के जिन सदस्यों को हॉकी की चिंता सता रही है, उनमें डॉ. जोशी को छोड़कर अधिकतम पिछली कार्यकारिणी में भी निर्वाचित थे। VHA की कार्यकारिणी का कार्यकाल एक वर्ष का होता है, लेकिन पिछली कार्यकारिणी लगभग 3 वर्ष सत्ता में रही। इस दौरान वह इंटर डिस्ट्रिक्ट हॉकी स्पर्धा नहीं करा पाई। हॉकी इंडिया को अकाउंट्स नहीं दे पाए, जिसके कारण उसका ग्रांट भी रुक गया। विदर्भ के खिलाड़ियों को 8वीं नेशनल स्पर्धा के भागीदार प्रमाणपत्र से वंचित होना पड़ा। VHA के सक्रिय कार्यकारिणी सदस्य होने का दावा करने वाले प्रमोद जैन टूर्नामेंट नहीं कर पाने की नाकामी के लिए "हर वर्ष प्रतियोगिता आयोजित करने की संविधान में नहीं लिखा होने जैसी दलीलें दे रहे हैं।'
खिलाड़ियों का नुकसान होता है
एक-दूसरे को गलत साबित करते-करते बात अब दो-दो टीमें भेजने तक पहुंच गई हैं। ए. पी. जोशी ने वर्धा में जारी अंतर जिला सीनियर पुरुष हॉकी स्पर्धा के लिए कार्यकारिणी का अनुमोदन नहीं लिए जाने के आधार पर इसे असंवैधानिक करार दिया है और सिलेक्शन ट्रायल की तिथि घोषित कर दी। साथ ही डॉ. जोशी ने ग्वालियर में यूनिवर्सिटी हॉकी खेलने गए 18 युवा खिलाड़ियों के भविष्य का भी हवाला दिया। किसी भी नेशनल स्पर्धा में एक ही एसोसिएशन की दो-दो टीमें पहुंचने की स्थिति में दोनों के बाहर होने की पूरी संभावना रहती है। इससे केवल और केवल खिलाड़ियों का ही नुकसान होता है। वीएचए में गुटबाजी कर रहे लोगों को इसकी जानकारी भी है। इस पूरे मामले को लेकर डॉ. जोशी से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
खिलाड़ियों को गुमराह करने की साजिश : विनोद गवई
विदर्भ हॉकी एसोसिएशन के सचिव विनोद गवई ने पूरे मामले को खिलाड़ियों को गुमराह करने की साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि जोशी को सिलेक्शन ट्रायल आयोजित करने का अधिकार नहीं है। जबरन उन्होंने टीम चेन्नई नेशनल में भेज भी दिया, तब भी उनकी टीम को खेलने का मौका नहीं मिलेगा। हॉकी इंडिया में चेंज रिपोर्ट नहीं देने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए श्री गवई ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी हॉकी खेलने गए 18 युवा खिलाड़ियों के नुकसान को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों प्रतियोगिताओं की आयोजन तिथि आपस में टकरा गई है। ऐसा बहुत बार होता है। यह सही है कि कुछ खिलाड़ियों ने सिलेक्शन ट्रायल के लिए अनुरोध किया था, पर समय की कमी के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।
Created On :   29 Dec 2018 3:10 PM IST