नाबालिग लड़कियों के अपहरण की घटनाओं में 15 फीसदी की बढ़ोतरी

Increased 15% kidnapping cases of minor girls in mumbai
नाबालिग लड़कियों के अपहरण की घटनाओं में 15 फीसदी की बढ़ोतरी
नाबालिग लड़कियों के अपहरण की घटनाओं में 15 फीसदी की बढ़ोतरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राजधानी में नाबालिग लड़कियों के अगवा होने के मामले में पिछले पांच सालों में करीब 15 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन सरकार का दावा है कि कानूनी प्रक्रिया में बदलाव के चलते यह बढ़ोत्तरी दिख रही है। पिछले पांच सालों में कुल 5056 नाबालिग लड़कियां अगवा हुईं थीं, जिनमें से 4758 को खोज निकाला गया है और 298 लापता हैं। जबकि 21652 गुमशुदा बालिग महिलाओं में से 19686 को तलाश किया जा चुका है और 1966 की अब भी तलाश जारी है।

विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस की ओर से दिए गए जवाब में कहा गया है कि बचपन बचाओ आंदोलन की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए गए अदालती निर्देश के मुताबिक अब नाबालिग बच्चों के लापता होने पर अगवा होने का मामला दर्ज किया जाता है। जबकि पहले ऐसा नहीं था। इसीलिए अगवा बच्चों की संख्या में अचानक इतनी बढ़ोतरी दिख रही है। लापता बच्चों की तलाश के लिए ट्रैक द मिसिंग चाइड, शोध, मुंबई पुलिस जैसी वेबसाइट का सहारा लिया जा रहा है।

इसके अलावा लापता बच्चों के मामले में पुलिस के एक तय कार्यप्रणाली के तहत काम करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार के मुताबिक साल 2016 में राज्य में लड़कियों के अपहरण के 4422 मामले दर्ज किए गए थे। जनसंख्या के आधार पर वर्गीकरण करें तो महाराष्ट्र राज्यों में 12 वें नंबर पर आता है। इसके अलावा NCRB के आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में राज्य में मानव तस्करी के 10 मामले सामने आए जिनमें पीड़ितों की संख्या 53 है। इसके अलावा बच्चों पर अत्याचार के 8518 मामले दर्ज हुए जिनमें पीड़ितों की संख्या 8908 है।

दो साल में मिले 20 हजार से ज्यादा बच्चे

मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया है कि ऑपरेशन मुस्कान के तहत जुलाई 2015 से जुलाई 2017 के बीच पांच बार अभियान चलाया गया और 20112 लापता बच्चों को खोज निकाला गया। इसके अलावा गुमशुदा बच्चों का मामला दर्ज होने के बाद 24 घंटे के भीतर मुख्य नियंत्रण कक्ष की मदद से सभी पुलिस स्टेशनों में इसकी सूचना दे दी जाती है। हर पुलिस स्टेशन में एक बाल कल्याण अधिकारी और 46 पुलिस मुख्यालयों में विशेष बाल पुलिस की स्थापना की गई है। इसके अलावा बच्चों के लिए 1098 टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। 

बाल भिखारियों की मुक्ति के लिए टास्क फोर्स  

मुंबई की तर्ज पर राज्य की दूसरी 24 महानगर पालिकाएं भी जल्द ही बाल भिखारियों से मुक्त हो सकतीं हैं। इन मनपा क्षेत्रों में बाल भिखारियों को छुड़ाने के लिए टास्क फोर्स गठित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। दरअसल कई बार बच्चों को कई बार तस्कर अगवा कर भीख मांगने के लिए इस्तेमाल करते हैं इसीलिए सरकार ने यह प्रस्ताव तैयार किया है।

साल      अगवा     मिले      लापता     मिले

              (नाबालिग)           (बालिग )
2013       92       79        4041    3823      
2014    1500    1475      4170    3943
2015     927      878       4315    4039
2016   1169     1091      4527    4096
2017   1368     1235      4599    3785

कुल     5056     4758     216552  19686

Created On :   20 Nov 2018 3:37 PM GMT

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