दो स्कूलों में लगे वायु प्रदूषण मॉनिटरिंग सेंसर, वायु प्रदूषण पर रहेगी नजर

5 air pollution monitoring sensors have been installed in schools
दो स्कूलों में लगे वायु प्रदूषण मॉनिटरिंग सेंसर, वायु प्रदूषण पर रहेगी नजर
दो स्कूलों में लगे वायु प्रदूषण मॉनिटरिंग सेंसर, वायु प्रदूषण पर रहेगी नजर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर भी अब नजर रखी जा रही है।  वायु प्रदूषण का बच्चों पर असर जानने के लिए शहर के दो स्कूलों में पांच वायु प्रदूषण मॉनिटरिंग सेंसर लगाए गए हैं। प्राेजेक्ट के तहत विशेष रूप से कोराड़ी थर्मल पावर स्टेशन के आसपास के इलाके में वायु प्रदूषण के स्तर पर नजर रखी जा रही है। दिल्ली से काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय एनजीओ क्लीन एशिया व दो स्थानीय एनजीओ सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट और स्वच्छ एसोसिएशन की देखरेख में जारी इस परियोजना के लिए मॉडल स्कूल में तीन और सेंट उर्सुला स्कूल में दो सेंसर लगाए गए हैं। सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की लीना बुधे ने बताया कि अध्ययन का उद्देश्य लोगों में विशेषकर बच्चों, पालक और शिक्षकों में वायु प्रदूषण के प्रति जागरूकता लाना और उसके असर के प्रति संवेदनशील बनाना है। इसके साथ ही  बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान बताना भी है। उन्होंने कहा कि तीन माह के प्रोजेक्ट के बाद दोनों स्कूलों के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी और स्कूल के आसपास बेहतर पर्यावरण के लिए सुझाव दिए जाएंगे।

कोराड़ी थर्मल पावर का असर
लीना बुधे के अनुसार सेंसर लगाने के लिए मॉडर्न स्कूल का चयन कोराड़ी थर्मल पावर स्टेशन के पास स्थित होने के कारण और सेंट ऊर्सुला के प्ले ग्राउंड में काफी धूल होने के कारण किया गया। उन्होंने बताया कि मॉडर्न स्कूल के आसपास पावर प्लांट से निकले एेश का काफी असर है। रात के समय जब कार्बन का अवशोषण रुक जाता है तो उस क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि सेंट ऊर्सुला स्कूल के प्ले ग्राउंड का चयन  वहां अत्यधिक धूल होने के कारण किया गया है।

बच्चों पर वायु प्रदूषण का असर ज्यादा
पर्यावरण विदों के अनुसार वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा असर बच्चों पर होता है। बच्चों की कम हाइट के कारण वातावरण के निचले स्तर पर स्थित वायु प्रदूषण उन्हें ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। बच्चों के विकसित होते फेफड़ों पर भी प्रदूषण का ज्यादा असर होता है। इसके साथ ही वे खुले में ज्यादा समय गुजारते हैं।
 

Created On :   5 Dec 2018 6:36 AM GMT

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