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विद्यापीठ के पाठ्यक्रम में अब अनिवार्य हुआ भारतीय संविधान विषय

डिजिटल डेस्क, अमरावती। महाविद्यालयीन शिक्षण लेनेवाले प्रत्येक विद्यार्थियोंको भारतीय संविधान की पहचान हो और उसके प्रति आदर निर्माण होने की दृष्टि से संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के सिनेट सदस्य डॉ. मनीष गवई ने विद्यापीठ के अभ्यासक्रम में भारतीय संविधान विषय अनिवार्य रहने का संबंधि प्रस्ताव रखा था। इस पर विद्या परिषद ने सकारात्मक निर्णय लेकर विद्यापीठ के सभी अभ्यासक्रम में अब भारतीय संविधान विषय अनिवार्य किया है। भारतीय संविधान यह भारत का सर्वोच्च कानून है। यह दस्तावेज मूलभूत राजनीतिक संहिता, संरचना, कार्य पध्दति, अधिकार और सरकारी संस्था का कर्तव्य, मूलभूत अधिकार, मार्गदर्शक तत्व और नागरिकों का कर्तव्य निर्धारित करनेवाला एक ढांचा प्रदान करता है। इस संविधान से देश के प्रत्येक नागरिकों को स्वतंत्र भारत में रहने का स्वतंत्र अधिकार दिया है।
भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने स्वीकारा और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। महाविद्यालय से देश की भावी पीढ़ी तैयार होती है और इस पीढ़ी को भारत के संविधान की पहचान रहना समय की आवश्यकता है। महाविद्यालय में शिक्षा लेनेवाले प्रत्येक विद्यार्थी को भारतीय संविधान की जानकारी रहना एक राष्ट्रीय कर्तव्य है। इस संविधान के प्रति विद्यार्थियों को आदर निर्माण हो, कानून की जानकारी हो, भारतीय संविधान के प्रति अपना कर्तव्य व जिम्मेदारी कीजानकारी निर्माण होने की दृष्टि से संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के सिनेट सदस्य डॉ. मनीष गवई ने विद्यापीठ के अभ्यासक्रम में भारतीय संविधान विषय अनिवार्य करने का प्रस्ताव सिनेट सभा में रखा था। इसका कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे ने स्वागत कर इसे मंजूरी के लिए विद्या परिषद के पास भेजा जिसे मंजूरी दी गई है। अब विद्यापीठ के सभी अभ्यासक्रम में भारतीय संविधान विषय अनिवार्य किया गया है। इस निर्णय पर डॉ. मनीष गवई ने राज्यपाल भगतसिंग कोश्यारी, कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे व विद्या परिषद के सदस्यों का आभार माना है।
Created On :   7 May 2022 2:53 PM IST