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‘काली आंधी’ उपन्यास पर बनी इस फिल्म पर इंदिरा गांधी ने लगाई थी पाबंदी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फ़िल्म ‘आंधी’ की कथा,पटकथा,संवाद और गीत आज तक मेरी चेतना को झंकृत करते हैं।परदे से इतर यह भी सच है कि यह फ़िल्म मेरे गुरु कमलेश्वर के उपन्यास ‘काली आंधी" पर बनी थी।कुल 24 दिनों (4 फरवरी1974 से 28 फरवरी1974) में लिखे इस उपन्यास का पहला शीर्षक ‘चुनाव" था।तत्कालीन कांग्रेसी सरकार ने इस फ़िल्म को प्रतिबंधित कर दिया था, तब यह प्रचारित हुआ था कि यह फ़िल्म श्रीमती इंदिरा गांधी के जीवन पर है।1977 में सत्ता में आयी जनता पार्टी की सरकार ने इससे प्रतिबंध हटाया था। जब कमलेश्वर से एक वरिष्ठ नौकरशाह ने पूछा,"क्या यह फिल्म श्रीमती गांधी के जीवन पर है तो उन्होंने तपाक से कहा,"नहीं,यह तो राजमाता सिंधिया के आसपास है।"
कथाकार,पत्रकार हरीश पाठक ने महानगर के मणिबेन नानावटी वुमेन्स कॉलेज में आयोजित ‘यथा कथा इंटरनेशनल फिल्म एन्ड लिटरेचर फेस्टिवल" के पहले दिन "5 टॉप फिल्म्स बेस्ड ऑन द लिटरेचर" पर आयोजित पैनल डिस्कसन में अपने विचार व्यक्त करते हुए यह कहा।इस मौके पर फ़िल्म निर्देशक चेतन माथुर ने ‘देवदास",कवि,पत्रकार ब्लॉगर प्रदीप गुप्ता ने ‘मासूम",एसएनडीटी की रूबी ओझा ने ‘शतरंज के खिलाड़ी" व इस साल नेशनल एवार्ड से सम्मानित ‘काजरो" फिल्म के निर्देशक नितिन भास्कर ने ‘ओमकारा" को अपनी नजर से श्रेष्ठ फिल्म माना। संयोजक लेखक,शिक्षाविद रवींद्र कात्यायन ने कहा कि "मेरी नजर में फिल्म ‘रजनीगंधा’शार्ष पर है।इस फिल्म ने तब फिल्मों के ट्रेंड से लेकर फैशन तक बहुत कुछ बदल दिया था।कार्यक्रम की संयोजक चारू शर्मा थीं।इस मौके पर फिल्मकार दिनेश लखनपाल,वंदना शर्मा व श्रीमती कमलेश पाठक विशेष रूप से उपस्थित थीं।
Created On :   27 Nov 2021 7:37 PM IST