इंद्राणी मुखर्जी ने आपराधिक मामले को रद्द करने हाईकोर्ट में दायर की याचिका

Indrani Mukerjea filed a petition in the High Court to quash the criminal case
 इंद्राणी मुखर्जी ने आपराधिक मामले को रद्द करने हाईकोर्ट में दायर की याचिका
जेल में साल 2017 में उपद्रव फैलाने का है आरोप  इंद्राणी मुखर्जी ने आपराधिक मामले को रद्द करने हाईकोर्ट में दायर की याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  शीना बोरा हत्याकांड मामले में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने जेल में उपद्रव व बलवा मचाने के आरोप में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। एक जून को इंद्राणी की इस याचिका पर सुनवाई हो सकती है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इंद्राणी को जमानत प्रदान की थी। इसके बाद  शीना बोरा मामले में विचाराधीन कैदी के रुप में करीब  साढे 6 साल जेल में बीताने के बाद इंद्राणी जेल से बाहर निकली है और अब हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 

इंद्राणी के खिलाफ जेल में उपद्रव मचाने आरोप में 24 जून 2017 को नागापाडा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। दरअसल भायखला महिला जेल में बंद कैदी मंजू शेटे की बर्बरतापूर्ण ढंग से की गई पिटाई के बाद उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद कैदियों ने जेल में उपद्रव मचाते हुए पुलिस अधिकारियों पर प्लोट व बर्तन फेके थे। जेल प्रशासन के मुताबिक इंद्राणी ने कैदियों को जेल में बलवा मचाने के लिए उकसाया था। इस मामले में इंद्राणी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353 सहित अन्यधाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। 

अधिवक्ता सना खान के माध्यम से दायर याचिका में इंद्राणी ने दावा किया है कि उन्हें परेशान व प्रताड़ित करने के उद्देश्य से उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। जबकि एफआईआर के मुताबिक जेल में हंगामे के दौरान एक कैदी ने जेल का दरवाजा तोड़ दिया था और जेलकर्मियों के पर उसके टूकड़ों को फेका था। इस मामले में सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया है। इसके अलावा महिला कैदी जेल की सुरक्षा दीवार पर भी चढ गई थी और वहां से जेल की सुरक्षा में तैनता पुलिसकर्मियों पर बर्तन फेके थे। याचिका में इंद्राणी ने दावा किया है कि वह जेल में उपद्रव मचानेवाली महिला कैदियों के समूह का हिस्सा नहीं थी। उन्होंने जेल में कोई ऐसा कार्य नहीं किया है जिससे जेल के कामकाज में अवरोध पैदा हो। मुझ पर लगाए गए आरोप फर्जी व आधारहीन है। मुझ पर लगे आरोपों को लेकर कोई स्वतंत्र गवाह नहीं है। याचिका में इंद्राणी ने कहा है कि हंगामें के दौरान खुद उसे चोट लगी है। 
 

Created On :   30 May 2022 7:24 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story