काटोल, नरखेड़ में उद्योग आने चाहिए

डिजिटल डेस्क,नागपुर। पूर्व गृहमंत्री राकांपा नेता अनिल देशमुख ने मिहान के साथ ही काटोल, नरखेड़ में भी उद्योग लाने की मांग की। विधान सभा में यह मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बड़े औद्योगिक निवेश और बड़ी परियोजनाओं को लाने के लिए सरकार को प्रयास करने की आवश्यकता है। इस बीच कुछ बड़ी परियोजनाएं, जो महाराष्ट्र में आने वाली थीं, महाराष्ट्र के बाहर चली गईं। इनमें 1 लाख 54 हजार करोड़ की सेमीकंडक्टर वेदांता फॉस्कॉन परियोजना, 3 हजार करोड़ की बल्क ड्रग परियोजना, 3 हजार नौकरियां उपलब्ध कराने वाली चिकित्सा उपकरण परियोजना, ऊर्जा उपकरण तैयार करने के लिए एक बड़ी परियोजना सहित कई परियोजनाएं महाराष्ट्र से बाहर गुजरात, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में चली गईं।
बड़े पैमाने पर रोजगार मिलता : मिहान 15 साल पहले नागपुर में बनाया गया था। उस समय टीसीएस और इंफोसिस जैसे बड़े प्रोजेक्ट यहां अच्छी सुविधाओं के चलते आए थे। इसके साथ ही दो एयरक्रॉफ्ट मेंटेनेंस डिपो हैं और टाटा का एयरक्रॉफ्ट फोर बीम मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट यहां स्थित हैं। मिहान में विमान के स्पेयर पार्ट्स बनाने की सुविधा उपलब्ध है। चूंकि उपरोक्त सभी सुविधाएं मिहान में हैं, इसलिए टाटा का 22000 करोड़ का एयरबस प्रोजेक्ट जो नागपुर आ रहा था, वह गुजरात चला गया। नागपुर में यह प्रोजेक्ट होता, तो यहां बड़े पैमाने पर युवाआें को रोजगार मिलता। फ्रांस सरकार का मिहान में आने वाला 1185 करोड़ का सोफ्रॉन प्रोजेक्ट भी बाहर चला गया।
प्रस्ताव को मिले मंजूरी : काटोल में नए रोजगार सृजित करने के लिए यहां एमआईडीसी के फेज 2 स्वीकृत हो चुका है और जमीन भी उपलब्ध है। इसके अलावा यहां सड़क, बिजली, पानी और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इसके चलते यहां भी नए उद्योग लगाने के लिए सरकार के माध्यम से प्रयास किए जाने चाहिए। इसके अलावा नरखेड़ में एमआईडीसी की जगह कम होने के कारण फेज-2 की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसे दो साल पहले हाई पावर कमेटी को सौंपा गया है, लेकिन अभी तक इसे मंजूरी नहीं मिली। इसे तुरंत मंजूरी देने की मांग श्री देशमुख ने विधान सभा में की।
Created On :   19 March 2023 1:06 PM IST