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यूनिवर्सिटी का अजीबोगरीब कामकाज: एलईसी समितियों में अपात्र सदस्य कर रहे कॉलेजों का निरीक्षण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेजों की सम्बद्धता के लिए वहां भेजी जाने वाली लोकल इंक्वायरी कमेटी (एलएसी) में सदस्यों की नियुक्तियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मुद्दे पर हाल ही में नागपुर यूनिवर्सिटी की सीनेट की बैठक में भी चर्चा हुई। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाताओं द्वारा तैयार की जाने वाली इन समितियों पर अनुभवी की जगह नए व मनमर्जी के लोगों की नियुक्तियां किए जाने का आरोप लग रहे हैं। सीनेट में सदस्य डॉ.धनश्री बोरीकर ने यह विषय उठाया था।
यूनिवर्सिटी पर लग रहे हैं ये आरोप
बता दें कि यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर, टीचिंग स्टाफ, नॉन टीचिंग कर्मचारियों, लैब, लाइब्रेरी जैसी विविध सुविधाएं होना जरूरी है। ये सुविधाएं कॉलेज में उपलब्ध हो तो ही यूनिवर्सिटी उस कॉलेज का संलग्नीकरण बढ़ाता है। निरीक्षण करने वाली एलईसी में 10 वर्ष टीचिंग और कम से कम 7 वर्ष की प्रोफेसरशिप करने वालों की बतौर सदस्य नियुक्ति होती है। लेकिन बीते दिनों कुछ मामले ऐसे भी आए हैं, जिसमें अपात्र सदस्यों को भी एलईसी में नियुक्त कर दिया गया। ये लोग यूनिवर्सिटी में सक्रिय किसी खास पैनल के सदस्य होने के भी आरोप सामने आए।
ये भी तैयारी
उल्लेखनीय है कि नागपुर यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों के एलइसी निरीक्षण के बाद यूनिर्सिटी कॉलेजों का एकेडमिक ऑडिट भी कराएगा। ऐसे में कॉलेजों में दो समितियां जांच करेंगी। अब तक स्वतंत्र रूप से काम करने वाली दाेनों समितियों की कार्यशैली पर बीते कुछ समय से सवाल उठ रहे हैं। कॉलेजों में जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता की जांच करने में इनकी ओर से भारी लापरवाही बरते जाने का मामला सामने आया। कई बार एलईसी की रिपोर्ट ही गलत साबित हुई, तो एकेडमिक ऑडिट में भी कई खामियां छिपा देने का खुलासा हुआ। वहीं अन्य कॉलेजों में हुए एकेडमिक ऑडिट में इस प्रकार की खामियां सामने आने पर यूनिवर्सिटी ने दोनों समितियों को एक साथ कॉलेज में भेजने का निर्णय लिया है।
Created On :   18 March 2019 12:41 PM IST