रिश्वत लेकर जालसाजी के आरोपी को बचाने वाले इंस्पेक्टर की नौकरी गई

Inspector Bhupinder Singh giving protection to the mastermind of chitfund scam, found guilty
रिश्वत लेकर जालसाजी के आरोपी को बचाने वाले इंस्पेक्टर की नौकरी गई
रिश्वत लेकर जालसाजी के आरोपी को बचाने वाले इंस्पेक्टर की नौकरी गई

डिजिटल डेस्क, शहडोल। चिटफंड घोटाले के मास्टरमाइंड से पैसा लेकर संरक्षण देने वाले इंस्पेक्टर भूपेन्द्र सिंह को विभागीय जांच में दोषी साबित होने पर शहडोल रेंज के आईजी आईपी कुलश्रेष्ठ ने नियमित रिटायरमेंट से पूर्व ही बाध्य सेवानिवृत्ति का आदेश जारी कर दिया है। इस कार्यवाही से मोहकमे में हडक़म्प मच गया है। मामले से जुड़े अन्य पुलिस अधिकारियों में घबराहट फैल गई है, वहीं अपने-अपने बचाव के लिए आकाओं के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं।

उमरिया एसपी ने की थी जांच
वर्तमान समय में जिले के नागौद थाने के टीआई भूपेन्द्र सिंह ने वर्ष 2010 से 2012 के बीच कोतवाली-शहडोल के प्रभारी थे, तभी संजय सिंह निवासी कोतवाली रोड शहडोल के विरूद्ध फर्जी कम्पनी बनाकर लाखों रूपए का गोलमाल करने का मुकदमा पंजीबद्ध हुआ था। लेकिन जांच के दौरान आरोपी को संरक्षण देने की शिकायत पीडि़तों ने आला अधिकारियों तक पहुंचाई, जिस पर टीआई को हटाने के साथ ही विभागीय जांच का आदेश देते हुए तत्कालीन उमरिया एसपी को तफ्तीश की जिम्मेदारी दी गई। जिन्होंने बिन्दुवार जांच पड़ताल कर आरोपी टीआई से जवाब-तलब किया, लेकिन वह अपने पक्ष में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

बैंक खाते के लेन-देन ने खोली पोल
आरोप पत्र के जवाब में टीआई भूपेन्द्र सिंह ने आरोपी संजय सिंह को दूर के रिश्ते का भांजा बताते हुए पत्नी के इलाज के लिए रूपए लेने और फिर लौटा देने का तर्क दिया। उनके इस बयान की तस्दीक के साथ ही बैंक एकाउंट में लेन-देन की पड़ताल कराए जाने पर 1 लाख 35 हजार रूपए संजय के खाते से ट्रांसफर होने की पुष्टि हो गई। नियमानुसार बिना पुलिस अधीक्षक की अनुमति के कोई भी अधिकारी किसी अन्य से उधारी नहीं ले सकता, लेकिन श्री सिंह ने विभाग को कोई जानकारी नहीं दी।

चिटफंड कम्पनी के नाम पर लाखों का गोलमाल
संजय सिंह ने फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों का हेर-फेर किया था, तब  पीडि़त विष्णुकांत मिश्रा और कोडा अप्पाराव की शिकायत पर कोतवाली शहडोल में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। पुलिस रिकार्ड के अनुसार मामले में अब तक संजय सिंह फरार है। विष्णुकांत ने शिकायत में कहा था कि 2010 से 2012 तक आरोपी ने एग्रीमेंट के आधार पर 84 लाख रूपए लिए थे।
 

आदेश के साथ ही गई कुर्सी
आईजी शहडोल के द्वारा फोर्सली रिटायरमेंट के आदेश जारी करने के साथ ही इंस्पेक्टर भूपेन्द्र सिंह की कुर्सी भी चली गई। पुलिस कप्तान संतोष सिंह गौर ने नागौद टीआई के पद से उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाकर उपनिरीक्षक को चार्ज सौंप दिया। जल्द ही किसी नए इंस्पेक्टर की पोस्टिंग वहां की जाएगी।

इनका कहना है-
टीआई भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ  पैसा लेने के आरोप लगे थे। मामले की विभागीय जांच चल रही थी। जांच में दोष प्रमाणित होने पर बाध्य सेवानिवृत्त की कार्रवाई की गई है।-आईपी कुलश्रेष्ठ पुलिस महानिरीक्षक, रेंज शहडोल

 

Created On :   28 Sept 2018 2:12 PM IST

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