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कॉलेजों में शिक्षकों का टोटा, प्रति घंटे की दर पर सीएचबी शिक्षक दे रहे सेवा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कालेजों में रिक्त पदों की भर्ती करने की बजाए सीएचबी शिक्षकों की सेवा ली जा रही है। ये शिक्षक काफी कम मानधन पर अपनी सेवा दे रहे हैं। इन शिक्षकों को अच्छा वेतन देने तक की शिक्षा विभाग विचार नहीं कर रहा है। राज्य शिक्षामंत्री विनोद तावडे ने बीते दिनों ट्वीट कर शिक्षा क्षेत्र में लंबे समय से लगे शिक्षक पदभर्ती पर से प्रतिबंध हटाने की घोषणा की, लेकिन इसके क्रियान्वयन में अभी लंबा समय लगेगा। नई नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़े दिशा-निर्देश तैयार हो, तो उसमें कांट्रैक्ट बेसिस पर काम कर रहे शिक्षकों की स्थिति सुधारने जैसे कुछ निर्देश भी शामिल हो, ऐसी मांग शिक्षा वर्ग की ओर से उठाई जा रही है।
कई कालेजों में रिक्त है पद
दरअसल बीते कई वर्षों से पदभर्ती बंद होने के कारण नागपुर शहर के कई कॉलेजों में नियमित शिक्षकों के पद रिक्त हो गए। ऐसे में कॉलेज में पढ़ाने के लिए प्रतिघंटे की दर से क्लॉक ऑवर बेसिस (सीएचबी) पर शिक्षकों की सेवाएं ली गईं, लेकिन तब से लेकर अब तक इन सीएचबी शिक्षकों का आर्थिक शोषण जारी है। शिक्षक संगठनों की मानें, तो इन्हें इतना कम वेतन मिलता है कि, कई कार्यालयों के सफाईकर्मियों और चौकीदारों को इससे ज्यादा वेतन मिल रहा है।
शिक्षकों को मिलता है प्रतिमाह 6 से 8 हजार रुपए वेतन
स्थिति यूं है कि, नागपुर में काॅलेजों में कार्यरत सीएचबी शिक्षकों को केवल 6 से 8 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन नसीब होता है। ये शिक्षक यूजीसी के निर्देशों के अनुरूप नेट-सेट उत्तीर्ण करने वाले और कई शिक्षक तो पीएचडी डिग्री धारी हैं, ऐसे में सभी मापदंडों की पूर्ति करने वाले इन सीएचबी शिक्षकों को निर्धारित न्यूनतम वेतन मिले, इसके लिए शिक्षक वर्ग राज्य सरकार की ओर देख रहा है। हाल ही में नागपुर विश्वविद्यालय ने इस दिशा में कदम उठाते हुए अपने यहां 91 कांट्रैक्ट शिक्षकों की 24 हजार रुपए प्रतिमाह पर नियुक्तियां की हैं, मगर अभी भी शहर के अधिकांश महाविद्यालयों में सीएचबी शिक्षकों का आर्थिक शोषण जारी है।
Created On :   12 Nov 2018 1:53 PM IST