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युवक के शरीर में आंतरिक अंग उलटी दिशा में, सेना ने ठहराया अयोग्य, हाई कोर्ट पहुंचा मामला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अनोखा मामला सुनवाई के लिए आया है। सेना में भर्ती होने के इच्छुक अजय तितरमारे को प्राथमिक चयन के बाद मेडिकल आधार पर अनफिट करार देते हुए रिजेक्ट कर दिया गया है। अजय की शारीरिक रचना ‘डेक्सट्रोकार्डिया’ और ‘साइटस इनवर्सस’ स्थितियों के कारण विलक्षण है। ‘डेक्सट्रोकार्डिया’ में संबंधित व्यक्ति के हृदय की बनावट आम लोगों के हृदय से अलग होती है। सामान्यत: हृदय शरीर के बाईं ओर झुका होता है लेकिन ‘डेक्सट्रोकार्डिया’ वाले व्यक्ति का हृदय दाईं ओर झुका होता है। वहीं, ‘साइटस इनवर्सस’ में आंतरिक अंग जैसे- लिवर, पेट और आंतों की स्थिति सामान्य शरीर की ठीक मिरर इमेज (दाईं की जगह बाईं और बाईं की जगह दाईं) होती है। उक्त शारीरिक रचना की वजह से सेना ने अजय तितरमारे को भर्ती के अयोग्य ठहराया है। ऐसे में अजय ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया है। मामले में उसका पक्ष सुनकर न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने केंद्रीय रक्षा मंत्रालय व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 22 जून तक जवाब मांगा है।
अमेरिका ने बदले नियम, सेना में भर्ती के योग्य माना
याचिकाकर्ता की अधिवक्ता एड. लक्ष्मी मालेवार ने हाई कोर्ट में दलील दी है कि भारतीय सेना में भर्ती के इस नियम के कारण समानता के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है। दावा है कि इस विलक्षण स्थिति के बाद भी व्यक्ति का जीवन सामान्य होता है। उसके शरीर या दैनिक कार्य क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता। याचिकाकर्ता ने उदाहरण देते हुए कोर्ट को बताया कि ऐसे व्यक्ति भी सामान्य हैं, यह मानते हुए अमेरिकी सरकार ने अपने भर्ती नियमों में बदलाव किया है और उक्त शारीरिक रचना वाले व्यक्तियों को भी सेना में शामिल करने योग्य माना है। भारत में ऐसे उम्मीदवारों को रिजेक्ट किया जाता है, जो ठीक नहीं है। हाई कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान इस प्रकरण को महत्वपूर्ण माना है। कोर्ट के अनुसार, चाहे एक ही उम्मीदवार कोर्ट के समक्ष आया हो लेकिन ऐसे कई और मामले हो सकते हैं, जो उक्त शारीरिक रचना के कारण अवसरों से वंचित हो रहे हैं। यहां तक कि चिकित्सकों की भी इस पर मतभिन्नता है। ऐसे में मामले पर रक्षा मंत्रालय व सेना का पक्ष भी सुनना जरूरी है। इसको लेकर कोर्ट ने मामले में प्रतिवादियों को अपना उत्तर प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
Created On :   16 Jun 2021 1:08 PM IST