MBBS में प्रवेश दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश

Interstate gangs cheating on the name of admission in MBBS busted
MBBS में प्रवेश दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश
MBBS में प्रवेश दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश

डिजिटल डेस्क,नागपुर। MBBS में प्रवेश दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वालेे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। सीताबर्डी पुलिस ने अमरावती के एक व्यक्ति की शिकायत पर 6 आरोपियों के खिलाफ 7 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता शेख मकसूद जुम्मा मिया (44), जीमल कॉलोनी, वलगांव, अमरावती निवासी का आरोप है कि इन आरोपियों ने उनकी 12वीं कक्षा पास कर  नीट की परीक्षा देने वाली बेटी को MBBS में प्रवेश दिलाने के नाम पर उनसे 7 लाख रुपए की ठगी की है। आरोपियों ने पहली किश्त के रूप में 10 लाख लिए थे। करतूत उजागर होने पर आरोपियों ने 3 लाख रुपए वापस कर दिए। शेष रकम वापस मांगने  पर जान से मारने की धमकी दी गई? 

कारनामे समझ में आ गए 
चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपियों ने शेख मकसूद को भारत के स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का  सेंट्रल पूल कोटा सीट अंतर्गत उनके नाम का हस्ताक्षरित किया हुआ फर्जी पत्र और सोलापुर के एक मेडिकल कॉलेज का प्रवेश कोड नंबर दिया था। जब शेख मकसूद  सोलापुर के उस मेडिकल कॉलेज में अपनी बेटी के साथ प्रवेश दिलाने के लिए पहुंचे, तब सूची में उनकी बेटी का नाम ही नहीं था। शेख मकसूद को आरोपी सौरभ श्रीवास्तव, शंकर मानवटकर, सचिन उत्तलकर, उल्हास सेवारे, प्रमोद और प्रभाकर के काले कारनामे समझ में आ गए। उन्होंने उक्त आरोपियों के खिलाफ सीताबर्डी थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने आरोपियों पर ठगी का मामला दर्ज कर लिया है। गिरोह के यह सदस्य MBBS में प्रवेश दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करता है। इस गिरोह के तार नागपुर, दिल्ली, मुंबई और हरियाणा तक जुड़े होने का अंदेशा पुलिस को है। इस प्रकरण की जांच सीताबर्डी थाने के द्वितीय पुलिस निरीक्षक परमार कर रहे हैं। 

विज्ञापन देखकर मिलने गए थे छात्रा के पिता 
शेख मकसूद ने सीताबर्डी पुलिस को बताया क उनकी पुत्री नीट परीक्षा देने के बाद MBBS में प्रवेश लेना चाहती थी। एक दिन MBBS में प्रवेश दिलाने का विज्ञापन देखा और उस पर दिए गए नंबर पर शंकर मानवटकर को फोन किया। शंकर ने उन्हें नागपुर मिलने बुलाया। वह अपने एक दोस्त कलीम भाई, नवनीत लाखोटिया के साथ नागपुर आए। उन्हें वेरायटी चौक पर रुकने को कहा गया। वहां एक व्यक्ति मिलने आया। उसने सभी का परिचय लिया। उसके बाद सभी शांतिभवन होटल गए। वहां पर शंकर आया। 

होटल में यह हुआ
शंकर ने अपना परिचय इंडियन काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन इंडिया संस्था, नागपुर शाखा का क्षेत्रीय सचिव के रूप में दिया। सचिन उत्तलकर ने मुंबई शाखा का अध्यक्ष और सौरभ श्रीवास्तव ने खुद को मुंबई शाखा का डायरेक्टर बताया। शंकर, सचिन और सौरभ ने कहा कि उनके बॉस प्रमोद और प्रभाकर हैं। वे दिल्ली में रहते हैं। स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से उनके अच्छे संबंध हैं।  हम उनकी मदद से सेंट्रल पूल कोटा अंतर्गत सरकारी कॉलेज में MBBS में प्रवेश दिलाते हैं। हाल ही में एक युवती को भी प्रवेश दिलाया है। 

उस समय आरोपियों ने उन्हें नड्डा के हस्ताक्षर का एक पत्र भी दिखाया। आपकों भी ऐसा ही पत्र आएगा। MBBS में प्रवेश दिला देंगे, पर इसके लिए 22 लाख रुपए लगेंगे। इसके लिए कागजात और कोरे स्टैंप पेपर पर पालक के हस्ताक्षर लिए जाएंगे। उसके बाद आवेदन करेंगे। समय- समय पर मोबाइल पर हर जानकारी आएगी। हर जानकारी मोबाइल पर फारवर्ड करेंगे। पहली किश्त 10 लाख रुपए की लगेगी। प्रवेश मिलने के बाद शेष 12 लाख रुपए देने होंगे। 

मनीष नगर स्थित एक कार्यालय में ले गए  
शांतिवन होटल में सारी बातें होने के बाद आरोपी शंकर मानवटकर मकसूद और उनके दोस्तों को मनीष नगर स्थित एक कार्यालय में ले गए। आरोपियों ने साफ कह दिया था कि रकम नकद देनी होगी। चेक नहीं चलेगा। आरोपियों ने शेख मकसूद की बेटी और बेटे के दस्तावेज आरोपी उल्हास सेवारे ने रख लिए। नागपुर से वापस अमरावती जाने के बाद मकसूद के मोबाइल पर संदेश आने का सिलसिला शुरू हो गया।

1 जुलाई 2017 को आरोपियों ने शेख मकसूद और उनके दोस्तों के कोरे स्टैंप पेपर पर हस्ताक्षर लिए। 17 जुलाई 2017 को सभी आरोपियों ने अमरावती से उन्हें और उनके दोस्तों को  बैठक के लिए नागपुर बुलाया। इस दौरान शेख मकसूद के साथ उनके दोस्त कलीमभाई , नवनीत लाखोटिया और प्रमोद चांडक भी आए थे। इन सभी को मनीष नगर ले जाया गया। वहां पर  सौरभ श्रीवास्तव पहले से बैठा हुआ था। 

कोटक महिंद्रा बैंक शाखा का IFSC के साथ खाता नंबर दिया 
आरोपियों ने 24 जुलाई 2017 को माहिम, मुंबई में कोटक महिंद्रा बैंक शाखा का IFSC के साथ खाता नंबर दिया। शेख मकसूद ने इस खाते में अमरावती स्थित सिंडीकेट बैंक में अपने खाते से 2 लाख रुपए RTGS कर दिया। नकदी व RTGS के जरिए उन्होंने 10 लाख रुपए आरोपियों के कहने के अनुसार देते गए। रुपए देने के बाद कई बार शेख मकसूद ने उन्हें फोन किया, तब 3 सितंबर 2017 को आरोपी सचिन उत्तलकर ने उन्हें एक पत्र दिया।

यह पत्र भारतीय राजमुद्रा के चिह्न व भारत के स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का हस्ताक्षर किया हुआ था। इस पत्र में लिखा था कि उनकी बेटी का सेंट्रल पूल कोटा अंतर्गत MBBS के लिए कॉलेज काेड व डाॅ. वैशंपायन मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, सोलापुर में चयन किया गया है। पत्र मिलने पर तत्काल प्रवेश कराएं। जब शेख मकसूद सोलापुर के मेडिकल कॉलेज गए, तब आरोपियों की काली करतूत सामने आ गई। शेख मकसूद की शिकायत पर सीताबर्डी पुलिस ने आरोपियों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। 

Created On :   20 April 2018 11:30 AM IST

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