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रकम दोगुना के लालच में फंसे निवेशक, एक और कंपनी ने लगाया पलीता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में एक और कंपनी ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा पुलिस कर रही है। कंपनी के खिलाफ धंतोली थाने में शिकायत की गई है। जांचकर्ता निरीक्षक महेंद्र आंभारे ने बताया कि, इस प्रकरण में आरोपी सुदत्ता रामटेके और लोकेश वाघमारे है। दोनों आरोपियों ने निवेशकों को 3300 से 5 लाख रुपए तक निवेश करने पर 10 से 12 माह में दोगुना रकम वापस करने का लालच दिया था।
अब तक 14 शिकायतें
इन आरोपियों के खिलाफ अब तक पुलिस को 14 शिकायतें मिल चुकी हैं। आंभारे ने कंपनी के शिकार लोगों को आर्थिक अपराध शाखा कार्यालय, सिविल लाइंस में शिकायत करने का आह्वान किया है।
लाभांश नहीं देने पर खुली पोल
पैसे लेने के बाद रसीद भी देते थे : साथ ही कंपनी में 3,300 से 5 लाख रुपए तक निवेश करने पर निवेशकों को 10 से 12 माह में दोगुना रकम देने का लालच देते थे। कंपनी के कार्यालय में निवेशकों को निवेश करने के समय बाकायदा रिसीव कर रसीद भी देते थे। नकदी व चेक भी लेते थे। आरोपी कुछ समय बाद कार्यालय बंद कर गायब हो गए। इस मामले में आरोपी सुदत्ता रामटेके फरार है। उसका साथी लोकेश नागपुर की सेंट्रल जेल में किसी अपराध के मामले में बंद है। पुलिस लोकेश को प्रॉडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करेगी।
एक आरोपी फरार, एक जेल में है बंद
सूत्रों के अनुसार आरोपी भरोसा जीतकर निवेश कराते थे। निवेश की रकम पर लाभांश देने का लालच भी देते थे। कुछ निवेशकों को जब लाभांश नहीं मिला, तब उन्हें कंपनी की गतिविधियों पर संदेह होने लगा था। इन दोनों आरोपियों के अलावा और भी कोई आरोपी इनके साथ है। इस बारे में पुलिस जल्द ही मामले को उजागर करेगी।
फर्जी वेबसाइट बनाकर लगाया चूना
पुलिस के अनुसार सुदत्ता और लोकेश ने 301, 302 एस, प्रिंस कैसल अपार्टमेंट, प्लाॅट नं.-105, गजानन नगर, टी-प्वाइंट नागपुर में जून 2020 में ई गेम एशिया आॅनलाइन नामक कंपनी शुरू की। आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट बनाई और कंपनी के सभी प्लान की जानकारी वेबसाइट पर डाली। इस वेबसाइट पर आरोपी लूड़ो, क्रिकेट, फुटबाॅल, टेबल पुल, कैरम, तीन पत्ती सहित विविध प्रकार के करीब 18 खेल को ई-गेम एशिया आॅनलाइन कंपनी की ओर से लोगों को खेलने लालच दिया था। जो लाेग यह गेम खेलते थे उस गेम को खेलने के बाद उस रकम में से 10 प्रतिशत रकम कंपनी को मिलती थी। शेष रकम निवेशकों को उनकी निवेश की गई रकम के आधार पर वितरित करने का लालच दिया जाता था।
Created On :   15 Jun 2021 4:51 PM IST