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पुराने दोस्त, परिजन और रिश्तेदारों को देखने दिया तेरहवीं का निमंत्रण

डिजिटल डेस्क, अमरावती। जीवित रहने पर भी तेरहवीं की निमंत्रण पत्रिका को देखकर हर कोई चौंक जाएगा लेकिन यहां कल क्या हो किसने जाना... यह मानकर जीवन जीने वाले सेवानिवृत्त पुलिस उपनिरीक्षक सुखदेव डबरासे (64) 31 दिसंबर को अपनी तेरहवीं का कार्यक्रम कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अपने परिचितों को निमंत्रण दिया है। उनका कहना है कि इस कार्यक्रम निमित्त भोजनदान व गेट टू गेदर भी होगा, साथ ही सबके साथ मिलने का मौका भी मिलेगा। यह निर्णय स्वेच्छा से लिया है।
डबरासे का कहना है कि जीवन का कोई भरोसा नहीं है। जीवित रहते ही सभी पुराने दोस्त, परिजन तथा दूर हुए रिश्तेदार इस कार्यक्रम में मेरी नजरों के सामने एक साथ दिखेंगे। यही मेरी इच्छा है। बुलढाणा से पुलिस उपनिरीक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए डबरासे ने बताया कि सेवानिवृत्त हुए उन्हें 5 साल हुए हैं। कई लोग सेवानिवृत्त होने के बाद अपने आप को असहाय महसूस करते हैं लेकिन मुझे मिलने वाली पेंशन का आनंद और परिवार के साथ मैंने हंसी खुशी जीवन व्यतीत किया है। आज तक सभी खुशियां मुझे मिली हैं। जीवन का संपूर्ण आनंद मैंने उठाया है। मौत कभी भी आ सकती है इसलिए जीवन के खुशहाल लम्हे हंसी-खुशी बिताना जरूरी है। इसलिए सभी के समक्ष अपनी इच्छा को व्यक्त करने के लिए मैंने यह निर्णय लिया है।
निर्णय से पत्नी आहत, बेटी नाराज
डबरासे ने बताया कि उनकेे निर्णय से उनकी पत्नी आहत है। वह अपने पति के निर्णय से सहमत नहीं है। पुलिस विभाग में कार्यरत उनकी बड़ी बेटी और दामाद ने पिता की इच्छा का समर्थन किया लेकिन उनकी छोटी बेटी उनके इस निर्णय से नाराज है। उन्होंने बताया कि उनका बेटा मंुबई में बॉक्सर कोच के रूप में कार्यरत है।
पुलिस विभाग में दी सेवा
सुखदेव डबरासे अमरावती जिले के मोर्शी तहसील के मूल निवासी हैं। 10 अप्रैल 1981 में वह पुलिस विभाग में कार्यरत हुए। 1987 से 1989 तक अचलपुर में काम किया। इसके बाद 1992 से 95 तक अकोला में प्रशिक्षक के रूप में काम किया। इस दौरान उन्होंने पुलिस उपनिरीक्षक की परीक्षा 2014 में उत्तीर्ण की और पुलिस उपनिरीक्षक के रूप में बुलढाणा में सेवा दी। 30 जून 2016 को बुलढाणा से सेवानिवृत्त हुए। 35 वर्षों तक काम किया है।
Created On :   27 Dec 2021 2:16 PM IST