आईआरएडी एप लगाएगा वाहन दुर्घटनाओं पर ब्रेक

IRAD app will put brakes on vehicle accidents
आईआरएडी एप लगाएगा वाहन दुर्घटनाओं पर ब्रेक
आईआरएडी एप लगाएगा वाहन दुर्घटनाओं पर ब्रेक

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  केंद्र सरकार के परिवहन और महामार्ग मंत्रालय ने आईआईटी चेन्नई के सहयोग से आईआरएडी (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटा बेस) मोबाइल एप को अब ग्रामीण पुलिस ने शुरू किया है। यह एप सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाएगा। इस प्रणाली को सबसे पहले 6 राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में पायलट किया जाएगा। नागपुर ग्रामीण के 22 थानों में इसकी शुरुअात की जाने वाली है, जबकि शहर में इसे शुरू करने के लिए 192 जवानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ग्रामीण पुलिस अधीक्षक राकेश ओला के अनुसार इस एप में करीब 250 सड़क हादसों से जुड़ीं जानकारियों का डेटा अपलोड किया गया है। यह कार्य जिला यातायात पुलिस विभाग के निरीक्षक विशाल काले के नेतृत्व में शुरू किया गया है।

ऐसे काम करेगा एप : यह एप पुलिस कर्मियों को फोटो और वीडियो के साथ सड़क दुर्घटना के बारे में विवरण दर्ज करने में सक्षम करेगा। घटना के लिए एक विशिष्ट आईडी बनाई जाएगी। इससे लोक निर्माण विभाग या स्थानीय निकाय के इंजीनियर को उसके मोबाइल डिवाइस पर अलर्ट प्राप्त होगा। फिर वह दुर्घटना स्थल का दौरा कर जरूरी विवरण, जैसे की सड़क की डिजाइन आदि फीड करेगा। एकत्र डेटा का विश्लेषण आईआईटी-एम की एक टीम करेगी। उसके बाद यह टीम सुझाव देगी कि क्या सड़क डिजाइन में सुधारात्मक उपाय किए जाने की आवश्यकता है या नहीं।

150 पुलिस कर्मचारी किए जा चुके हैं प्रशिक्षित  : ग्रामीण क्षेत्र में जल्द ही डायल 112 शुरू होगा। यह डायल 100 का लेटेस्ट वर्जन है। इसके लिए नागपुर जिले में 102 वाहनों में 325 पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसमें 150 लोग प्रशिक्षित हो चुके हैं। ये प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी, कर्मचारी दो शिफ्टों में काम करेंगे। डायल 112 के कंट्रोल रूम में 16 डिस्पैचर कार्य करेंगे, जिसमें एक शिफ्ट में 1 सुपरवाइजर पुलिस अधिकारी और 8 प्रशिक्षित पुलिसकर्मी डिस्पैचर का समावेश होगा। ये भी दो शिफ्टों में काम करेंगे।

हाईटेक होंगे ग्रामीण थाने : ग्रामीण क्षेत्र के थाने भी अब हाईटेक होने जा रहे हैं। यहां के 22 थानों में करीब 220 सीसीटीवी कैमरे लगाकर उनकी टेस्टिंग शुरू है। प्रत्येक थाने में 10 कैमरे लगे हैं। थानेदार के कक्ष में डीवीआर होगा। करीब एक माह तक डेटा थानेदार को ही सुरक्षित रखना होगा। ये कैमरे थानेदार, स्टेशन डायरी, लॉकअप रूम के अलावा गेट के अंदर व बाहर लगे हैं। ग्रामीण पुलिस अधीक्षक जब चाहेंगे किसी भी थाने का आंखों देखा हाल देख सकेंगे।

ठाणे में होगा स्विच सेंटर : डायल 112 का स्विच सेंटर ठाणे में होगा। इस नंबर को डायल करते ही कॉल सीधा स्विच सेंटर मेंे रिस्पांडर के पास रजिस्टर्ड हो जाएगा। सेंटर में बैठे पुलिस अधिकारी, कर्मचारी उस कॉल को राज्य के संबंधित जिले या शहर के डायल 112 के लिए बने कंट्रोल रूम में डिस्पैच कर देंगे। फिर कंट्रोल रूम में बैठा डिस्पैचर संबंधित पुलिस थाने को वह कॉल ट्रांसफर कर देगा। फिर संबंधित शहर में बने डायल 112 के कंट्रोल रूम में तैनात 1 सुपरवाइजर और  8 प्रशिक्षित डिस्पैचर (पुलिसकर्मी) उस काल को तुरंत कंट्रोल रूम में लगे कम्प्यूटर के स्क्रीन पर देखेगा। स्क्रीन देखकर वह ग्रामीण पुलिस के 35 चार पहिया और 67 दोपहिया वाहनों में से जो वाहन घटनास्थल से नजदीक होंगे, उसे जानकारी दे देगा। इससे वाहन में आधुनिक सिस्टम से घटनास्थल ट्रेस होने में आसानी होगी। पुलिस के वाहनों में जीपीएस लगे होने से अधिकारी या कर्मचारी झूठ नहीं बोल पाएंगे।

डेटा मिलना आसान होगा : कई बार सड़क हादसे या अन्य घटना के बारे में डेटा मिलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बदलाव किए जाने के बारे में काफी परेशान होना पड़ता है। अब आईआरएडी मोबाइल एप से कोई भी डेटा पीडब्ल्यूडी या पुलिस को आसानी से मिल सकेगा। यह आधुनिक सिस्टम कारगार साबित होने वाला है। इसमें कोई पुलिस अधिकारी, कर्मचारी बहानेबाजी नहीं कर सकेगा।
-राकेश ओला, अधीक्षक, नागपुर ग्रामीण पुलिस

Created On :   9 July 2021 4:35 PM IST

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