सरकारी योजनाओं में अनियमितता, एसीबी से जांच कराएं

Irregularities in government schemes, get ACB investigated
सरकारी योजनाओं में अनियमितता, एसीबी से जांच कराएं
सरकारी योजनाओं में अनियमितता, एसीबी से जांच कराएं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व नागपुर विधायक कृष्णा खोपड़े ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर करके जिलाधिकारी और जिला नियोजन समिति पर गैर- दलित बस्ती सुधार योजना और दलित बस्ती सुधार योजना की निधि में अनियमितता के आरोप लगाए हैं। आरोप है कि जिलाधिकारी और उक्त समिति ने जिले में निधि आवंटन में राजनीतिक द्वेष के चलते भेदभाव किया है। ऐसे में इस प्रकरण में एसीबी जांच बैठा कर सच सामने लाने की जरूरत है। 

नियुक्ति में राजनीतिक दखल 
याचिकाकर्ता के अनुसार, राज्य में नगर विकास विभाग ने दलित और गैर-दलित नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं देने के लिहाज से उक्त योजनाएं शुरू की है। जिला नियोजन समितियों को उनके क्षेत्र का विकास प्रारूप तय करने और जिलाधिकारी निधि आवंटन के अधिकार दिए गए हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार, समिति में सदस्यों की नियुक्ति राजनीतिक दखल के चलते हुई है। प्रदेश में वर्ष 2020-21 में सत्ता परिवर्तन के बाद जिले के पालकमंत्री भी बदले और इसके बाद निधि आवंटन में भेदभाव शुरू हुआ। 

निधि आवंटन रद्द करें
पालकमंत्री नितीन राऊत इस नियोजन समिति के अध्यक्ष हैं। उनके पदभार संभालते ही 80 करोड़ में से 50 करोड़ रुपए उत्तर नागपुर को आवंटित किए गए, जो कि पालकमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है। शेष 30 करोड़ रुपए नागपुर की शेष विधानसभा क्षेत्रों को आवंटित किए गए। 13 मार्च 2021 को समिति ने 2 करोड़ 31 लाख 31 हजार रुपए के विकासकार्य नागपुर जिले के लिए मंजूर किए हैं, लेकिन ये विकास कार्य एक विशेष राजनीतिक दल की मनमर्जी से आवंटित हुए हैं। यह पूरी तरह सत्ता का दुरुपयोग है और वंचित व्यक्तियों के मूलभूत अधिकारों का हनन है।  याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से प्रार्थना की है कि इस मामले में एसीबी की जांच बैठा कर सच सामने लाया जाए। इसी तरह समिति द्वारा निधि आवंटन के फैसले को भी रद्द किया जाए। इस मामले में जल्द ही हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

साइकिलिंग से मिलती है कई रोगों से मुक्ति
आज वर्ल्ड बाइसिकिल डे है। शहर के कई एक्टिव ग्रुप हैं, जो हर रोज साइकिल से मीलों का सफर तय करते है। साथ ही लोगों को सेव एन्वायरमेंट और फिटनेस का मैसेज देते हैं। इन ग्रुप्स में बच्चे, युवा, महिला-पुरुष और सीनियर सिटीजन्स शामिल है। साइकिलिंग एक्सपर्ट का कहना है कि डेली साइकिलिंग से लीवर, डायबिटीज आदि बीमारियों से बचा जा सकता है। कोरोनाकाल में साइकिलिंग करने वालों की संख्या बढ़ गई है। कोरोनाकाल में हर व्यक्ति अपनी सेहत की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहा है, ऐसे में साइकिलिंग बेस्ट ऑप्शन मानी जा रही है।

बर्न होती है कैलोरी
मैंने पिछले वर्ष लॉकडाउन के बाद से साइकिलिंग शुरू कर दी। हमारी कॉलोनी के कुछ ब्वॉयज मिलकर हर रोज 30 किमी साइकिलिंग करते हैं। हमारे साथ कई गर्ल्स भी जुड़ गई हैं। साइकिलिंग एक अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है। इससे लंग्स स्ट्रॉग होते हैं और स्टेमिना भी बढ़ता है। साइकिलिंग करने से मसल्स भी मजबूत होते हैं। एक्सपर्ट ने हमें बताया कि 30 मिनट में 10 किमी की दूरी तय करने से 250 कैलोरी बर्न होगी। साथ ही इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है और ऑक्सीजन स्किन सेल्स तक पहुंचती है। साइकिलिंग सेहत के बहुत अच्छा है। इसलिए हम हर रोज साइकिलिंग करते हैं। -दुर्गेश तिवारी,साइकिलिस्ट

हर उम्र के लोग शामिल
पिछले वर्ष हमारे साइकिलिंग ग्रुप की  शुरुआत हुई थी। तब ग्रुप में 10-12 मेम्बर ही थे। लोगों में अवेयरनेस बढ़ी है। आज हमारे ग्रुप में 200 से ज्यादा मेंबर जुड़ चुके हैं। ग्रुप में सीनियर सिटीजंेस, यूथ और बच्चों के अलावा वुमंस भी एक्टिव हैं। हर दिन ग्रुप द्वारा 40-50 किमी की दूरी तय की जाती है। कई साइकिलिस्ट लंबी दूरी भी तय करते हैं। प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर प्रतियोगिताएं भी कराते हैं। साइकलिंग के जरिए हम कई सोशल मैसेज भी देते हैं। लंबे सफर के दौरान कई बार टायर पंक्चर या चेन खराब होने की प्रॉब्लम आती है। इससे बचने के लिए टूर पर अक्सर  बैकअप लेकर चलते हैं।   -नुरुल हक, लाफ्टर राइडर्स एंड रनर्स ग्रुप

Created On :   3 Jun 2021 3:02 PM IST

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