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अधोसंरचना मद में करोड़ों की अनियमितता, जांच शुरू होते ही हटाये गये लेखाधिकारी

डिजिटल डेस्क, सीधी। जिला पंचायत में परफार्मेंस ग्रांट, अधोसंरचना मद में करोड़ों की अनियमितता उजागर होने के बाद लेखाधिकारी को हटा दिया गया है। इसके साथ ही सहायक पेंशन अधिकारी को लेखा विभाग का अतिरिक्त कार्य सौंपा गया है। जांच कार्य प्रभावित न हो इसलिये कलेक्टर ने यह व्यवस्था बनाई है।
उल्लेखनीय है कि अधोसंरचना मद और परफार्मेंस ग्रांट में 18 करोड़ से ऊपर की राशि के कार्य स्वीकृत किये गये हैैं। अधोसंरचना मद में बजट न होने के बाद भी निर्माण कार्य स्वीकृत हुये और दूसरे मदों की राशि समायोजित कर प्रथम किश्त भी जारी कर दी गई है। राशि के अभाव में दूसरी किश्त जारी न होने पर पंचायतों द्वारा जब हो हल्ला शुरू किया गया तो पता चला कि बिना बजट के ही जिम्मेदारानों ने निर्माण कार्यों की स्वीकृति दे दी है। कई निर्माण कार्य जिनकी तकनीकी स्वीकृति तक नही जारी हुई है उन्हें भी स्वीकृत किया गया है। जिला पंचायत के प्रभावशाली सदस्यों, पदाधिकारियों के ग्राम पंचायतों में तो एक मुश्त निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गई है।
जानकारो की मानें तो निर्माण कार्य स्वीकृति में संबंधित लिपिक और अधिकारियों नें लंबा कमीशन लिया है। इसीलिये न तो प्रशासकीय स्वीकृति का कोरम पूरा किया गया और न ही तकनीकी स्वीकृति पर ध्यान दिया गया है। तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ धड़ाधड़ निर्माण कार्यों की स्वीकृति जारी करते रहे किंतु नियम कायदों की परवाह नही की है। इसीलिये मामला काफी गंभीर हो गया है। बताया जाता है कि नवागत सीईओ अवि प्रसाद के पदभार संभालते ही जैसे ही अनियमितता संबंधी शिकायत मिली कि उनके द्वारा जांच समिति का गठन कर दिया गया। इतना ही नहीं जांच प्रतिवेदन के साथ कार्रवाई प्रस्तावित करने का निर्देश भी दिया गया है। मामले में त्रिवेणीदास कोल लेखाधिकारी पीआईयू (पीडब्ल्यूडी) जो अपने विभागीय कार्य के साथ जिला पंचायत में लेखाधिकारी का दायित्व निभा रहे थे को मामले की जांच शुरू होते ही कलेक्टर ने अपने आदेश क्रमांक 4051 के तहत 29 मई को जिला पंचायत से हटा दिया है। उनके स्थान पर सहायक पेंशन अधिकारी जिला पेंशन कार्यालय डीएस श्रीवास्तव को जिला पंचायत में लेखाधिकारी का कार्यभार सोैंपा गया है।
निर्माण कार्यों पर ब्रेक लग गया
जिला पंचायत द्वारा अधोसंरचना मद और परफार्मेंस ग्रांट के तहत जिन डेढ़ सैकड़ा निर्माण कार्यों की स्वीकृति जारी की गई है उनकी प्रथम किश्त जारी होने के बाद अधिकांश कार्य तो शुरू हो गये किंतु दूसरी किश्त न मिलने से निर्माण कार्यों पर ब्रेक लग गया है। दरअसल में बिना बजट के जुगाड़ कर प्रथम किश्त तो जारी कर दी गई है लेकिन दूसरी किश्त के लिये जिला पंचायत में राशि ही नही है। इसके अलावा टीएस, एएस न होने से भी नई पंचायत खड़ी हो गई है। मामले की जांच शुरू है तब ऐसे में नहीं लगता कि स्वीकृति निर्माण कार्य पूरे हो पायेंगे।
Created On :   1 Jun 2018 1:23 PM IST